बिहार की तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने वाले हैं। इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने कहा है कि, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है। बिहार सरकार जल्द ही गिर जाएगी।
बता दें कि चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ तीखा हमला करते हुए गुरुवार को राज्य में जद (यू)-बीजेपी सरकार के भविष्य पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच मतभेदों के कारण गठबंधन जल्द ही टूट जाएगा। दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए चिराग ने दावा किया कि नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ “अपराध और भ्रष्टाचार की बढ़ती दर” के चलते लोगों में असंतोष व्याप्त है।
मतभेद का दावा: भाजपा से अनबन की खबरों पर उन्होंने कहा कि, ‘नीतीश कुमार एक मुद्दा बताएं जहां भाजपा का समर्थन करते हैं? पेगासस मामले में वो जांच की मांग करते हैं, लेकिन सृजन घोटाले पर चुप रहते हैं। जाति जनगणना पर उनका केंद्र से अलग स्टैंड हैं, और जनसंख्या नियंत्रण नीति, सीएए-एनआरसी पर भी अलग मत है। इसके बाद भी कहते हैं कि वे एक साथ हैं। लोगों के लिए ऐसे दावों पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। इन मतभेदों के चलते बिहार में मध्यावधि चुनाव होंगे।
बता दें कि चिराग 2020 के विधानसभा चुनावों में, नीतीश कुमार की पार्टी को हुए नुकसान को लोजपा के श्रेय देते हैं। गौरतलब है कि, पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा ने अकेले चुनाव लड़ा था, जिसमें कम से कम 25 सीटों पर जद (यू) को नुकसान पहुंचा था। हालांकि उसे सिर्फ एक सीट मिली थी।
चाचा-भतीजे का विवाद: बता दें कि बिहार में दो सीटों पर उपचुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच विवाद को देखते हुए चुनाव आयोग ने दोनों को अलग-अलग चुनाव निशान और पार्टी नाम आवंटित किया हैं। जिसमें चिराग पासवान का चुनाव निशान हेलीकॉप्टर होगा और पार्टी का नाम लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) होगा। तो वहीं केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और चुनाव निशान सिलाई मशीन होगा। बता दें कि चाचा-भतीजे की तरफ से लोक जनशक्ति पार्टी के निशान को लेकर अपना दावा किया जा रहा था, जिसे चुनाव आयोग ने खत्म कर दिया है।