सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आशीष नेपाल सीमा के आसपास कहीं छिपा हो सकता है। दरअसल, कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में जवाब-तलब किए जाने के बाद से यूपी पुलिस आशीष के मामले सक्रिय नज़र आने लगी। पुलिस, आशीष के घर भी गई। वह घर पर नहीं मिला तो पुलिस ने घर के गेट पर उसे शुक्रवार को सुबह 10 बजे तक हाजिर होने का नोटिस चस्पा कर दिया। पुलिस की अलग-अलग टीमें आशीष की तलाश में जुटी हैं। बताया जा रहा है पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
लखनऊ जोन की आईजी लक्ष्मी सिंह ने भी कहा कि आशीष से इस मामले में पूछताछ करनी आवश्यक है। उसकी तलाश की जा रही है। उधर, विपक्ष सवाल उठा रहा है कि आखिर पांच दिन पहले हुई घटना में आशीष को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया था? विपक्ष का आरोप है कि इस पूरे मामले में पुलिस शुरू से केंद्रीय गृहराज्य मंत्री के बेटे को बचाने में जुटी है। लखीमपुर हिंसा में चार किसान, पत्रकार और भाजपा कार्यकर्ता समेत कुल आठ मौतों के बावजूद पुलिस ने चार दिन तक आशीष से पूछताछ करने तक की जरूरत नहीं समझी। पुलिस एक्टिव तब हुई जब सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांग ली। शुक्रवार को यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बताना है कि उसने अब तक क्या कार्रवाई की, इसलिए आनन-फानन में कुछ सक्रियता दिखाई जा रही है।
गौरतलब है कि पुलिस ने कल आशीष पांडेय और लवकुश नामक दो लोगों को हिरासत में लिया था जिनपर आरोप है कि वे उस फार्रच्यूनर गाड़ी में सवार थे जो किसानों को रौंदने वाली थार जीप के पीछे-पीछे चल रही थी।