India and China troops in Eastern Ladakh

सीमा पर विवाद: भारत चुनौतियों का मजबूती से करेगा सामना -राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गंभीर तनाव के पीछे चीन-पाकिस्तान की संयुक्त साजिश का इशारा किया है। Defence Minister ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान एक मिशन के तहत भारत के साथ सीमा विवाद पैदा करने में जुटे हैं। उत्तरी सीमा पर पाकिस्तान की हरकत को लेकर हम पहले से वाकिफ हैं और अब पूर्वी सीमा पर चीन की ओर से एक मुहिम की तरह सीमा विवाद को जन्म दिया जा रहा है।

Defence Minister ने यह साफ संदेश भी दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत इन चुनौतियों का मजबूती से सामना ही नहीं करेगा बल्कि बड़ा बदलाव भी लाएगा। ऐसे वक्त में जब भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की वार्ता चल रही है, शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की ओर यह बयान साफ संकेत है कि भारत इस बार कुछ तय कर मैदान में डटा है।
चीन को दिया कड़ा संदेश

पूर्व में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत व सेना अध्यक्ष की ओर से तो दो मोर्चों पर लड़ाई की तैयारी की बात की जाती रही है, लेकिन Defence Minister की ओर से आए बयान को बहुत अहम माना जा रहा है। Defence Minister ने इस बयान के जरिये चीन को यह साफ संकेत तो दे ही दिया कि पूर्वी Ladakh में एलएसी पर चीनी अतिक्रमण से पैदा हुए तनाव और गतिरोध में भारत भी नरमी नहीं बरतेगा।
हम सीमा के हालात से वाकिफ

सीमा सड़क संगठन की ओर से देश के कई सीमावर्ती इलाकों में बनाए गए 44 सड़कों और पुलों का वर्चुअल उद्घाटन करने के मौके पर राजनाथ सिंह ने यह बात कही। पाकिस्तान-चीन से लगी सीमाओं की मौजूदा स्थिति की चर्चा करते हुए Defence Minister ने कहा कि हम सभी उत्तरी और पूर्वी सीमा के हालात से वाकिफ हैं। इन दोनों देशों की भारत से करीब 7000 किलोमीटर लंबी सीमाएं हैं और इन इलाकों में तनाव बना हुआ है।
सेना को होगी सहूलियत

बीआरओ की ओर से सीमावर्ती इलाके में बनाए गए पुल और सड़क जनता व सेना दोनों के लिए फायदेमंद हैं। सीमा पर यह बुनियादी ढांचा सशस्त्र बलों को सीमावर्ती इलाकों में आवागमन में सहूलियत देगा। Corona के इस दौर में भी बिना रुकावट काम करने के लिए Defence Minister ने BRO की प्रशंसा भी की।

पूर्वी लद्दाख में मिलेगी मजबूत बढ़त
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि BRO की इन परियोजनाओं के पूरा होने से दुर्गम पहाडि़यों वाले सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों और हथियारों की आवाजाही में आसानी होगी। साथ ही कम वक्त में रसद पहुंचाई जा सकेगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इन पुलों में सात पुल पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों में हैं जहां इस समय भारत और चीन के सैनिक आमने सामने गतिरोध की स्थिति में हैं।

चीन के साथ सैन्य तनातनी चरम पर
Defence Minister ने चीन को संदेश देने के लिए अरुणाचल प्रदेश में नेसिफु टनल की आधारशिला भी इस मौके पर रखी। BRO ने पूर्वी लद्दाख में ये पुल ऐसे समय में तैयार किए हैं जब पूरे इलाके में चीन के साथ सैन्य तनातनी चरम पर है। Ladakh और अरुणाचल प्रदेश के अलावा सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बनाए गए इन पुलों को रक्षा मंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया।

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