भारत विविधता में एकता का देश है, हर त्योहार और पर्व पर यहां एक अनूठी मिसाल दिख जाती है, बात छठ पर्व(Chaath Parv) की करते हैं, सूर्य उपासना के इस महापर्व की छठा निराली है, लोग धर्म जाति समुदाय के भेदभाव को भूलकर एक साथ आते हैं।
ऐसी ही एक मिसाल सामने आई है पटना से जहां छठ व्रत के लिए मिट्टी के चूल्हे बनाने का काम मुस्लिम महिलाएं करती है, जी हां पटना (Patna) के कदमकुआं, आर ब्लॉक और जेपी गोललम्बर पथ पर आपको कई मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) की महिलाएं मिट्टी का चूल्हा (Clay Stove) बनाती नजर आ जाएंगी, ये वही चूल्हा है जिस पर छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं प्रसाद बनाएंगी।
मुस्लिम महिलाएं यहां सिर्फ चूल्हा बनाने का काम नहीं करती बल्कि उनकी आस्था भी इस पर्व के साथ जुड़ी हुई है, तभी तो चूल्हा बनाने वक्त काफी सारे नियमों का पालन ये करती है जैसे, इस दौरान वो किसी भी तरह के मांसाहारी भोजन को ग्रहण नहीं करती हैं, नई चादर पर चूल्हा बनाने वाली मिट्टी को साना जाता है,साथ ही मिट्टी और पानी को पूरी तरह से साफ रखती हैं।
पिछले करीब 40-50 साल से मुस्लिम समुदाय के लोग यहां मिल कर छठ के लिए चूल्हा बनाने का काम करते हैं, चूल्हा बनाने वाली महिलाओं का कहना है कि चूल्हा बनाते समय उन्हें बिल्कुल भी थकावट नहीं होती है और वो मुनाफे के बजाए छठ व्रतियों के सेवा भाव के लिए चूल्हा बनाती हैं।