chandrayaan-3-lunar-landing-fate-to-be-decided-2-hours-before-touchdown

चंद्रयान-3 की लैंडिंग की बदल सकती है तारीख? ISRO के साइंटिस्ट बोले- टचडाउन से 2 घंटे पहले होगा तय

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन का ‘लैंडर मॉड्यूल’ चंद्रमा की सतह पर बुधवार की शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर उतरने वाला है. इस बीच, अहमदाबाद में स्थित इसरो अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के बारे में जानकारी साझा की और कहा, ’23 अगस्त को, चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने के दो घंटे पहले, लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर हालात के आधार पर हम निर्णय लेंगे कि लैंडिंग प्रोसेस को आगे बढ़ाया जाए या नहीं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर कहीं से भी लगता है कि माहौल सही नहीं है, तो हम विक्रम की लैंडिंग को 27 अगस्त तक के लिए टाल देंगे. हमारा मकसद बिना किसी परेशानी के चांद पर लैंड करना है और हमें पूरा भरोसा है कि 23 अगस्त को मॉड्यूल की लैंडिंग को अंजाम देंगे.’ अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के कई लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लैंडर में एलएचडीएसी जैसी कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां मौजूद हैं. चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और इसका मकसद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की उपलब्धि हासिल करना है.

चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल 14 जुलाई को मिशन की शुरुआत होने के 35 दिन बाद 17 अगस्त को सफलतापूर्वक अलग हो गए थे. चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की कवायद से पहले इसे छह, नौ, 14 और 16 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में नीचे लाने की कवायद की गई, ताकि यह चंद्रमा की सतह के नजदीक आ सके.

इससे पहले, 14 जुलाई के प्रक्षेपण के बाद पिछले तीन हफ्तों में पांच से अधिक प्रक्रियाओं में इसरो ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर आगे की कक्षाओं में बढ़ाया था. गत एक अगस्त को एक महत्वपूर्ण कवायद में अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से सफलतापूर्वक चंद्रमा की ओर भेजा गया.

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को लेकर वैज्ञानिकों की विशेष रुचि है, जिसके बारे में माना जाता है कि वहां बने गड्ढे हमेशा अंधेरे में रहते हैं और उनमें पानी होने की उम्मीद है. चट्टानों में जमी अवस्था में मौजूद पानी का इस्तेमाल भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए वायु और रॉकेट के ईंधन के रूप में किया जा सकता है.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1