राजस्थान के कोटा जिले में करीब 3 दर्जन लोगों से भरी नाव के चंबल नदी में डूब जाने से बड़ा हादसा हो गया । पहले से क्षतिग्रस्त नाव में 35 लोग सवार थे। इनमें एक दर्जन महिलाएं और करीब आधा दर्जन बच्चे भी शामिल थे। हादसे में की सूचना पर पहुंचे बचाव दल ने 19 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। वहीं, 12 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। 4 लोग अभी लापता है। लापता लोगों की तलाश की जा रही है। हालात को देखते हुए कोटा से चिकित्सकों की टीम बुलाकर मौके पर ही व्यवस्था कर शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया।
हादसे की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ और पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य की निगरानी की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रदेश के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने घटना पर दुख जताया है। जिला प्रशासन के अनुसार, हादसा बुधवार को सुबह करीब 9 बजे गोठड़ा कला गांव के पास हुआ।
हादसे के शिकार हुए लोग पुरानी क्षतिग्रस्त नाव में सवार होकर पास के ही कमलेश्वर धाम मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे। नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे और इसमें 10 मोटरसाइकिल सहित अन्य सामान भी रखा हुआ था, जिससे नाव चंबल नदी में कुछ दूर जाकर असंतुलित होकर पलट गई। लोग पानी में बह गये,इनमें से 2 लोग तो तैरकर बाहर आ गए । हादसे की सूचना मिलते ही कोटा से बचाव दल को भेजा गया । गोताखोरों ने 20 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। 12 लोगों के शव बाहर निकाले गए। मृतकों में 6 पुरुष 5 महिलाएं व 1 बच्चा शामिल है। ग्रामीणों से हुई पूछताछ के आधार पर माना जा रहा है कि करीब 4 लोग अभी भी लापता है।
प्रशासन के अनुसार, नाव को डूबता देख आसपास के इलाकों के ग्रामीणों ने बचाव का प्रयास किया, लेकिन चंबल नदी के पानी का बहाव तेज होने के कारण उनके प्रयास सफल नहीं हो सके। मृतकों में अधिकांश गोठड़ा कलां व चाणद गांव के रहने वाले हैं । ग्रामीणों के अनुसार, नाव मछली पकड़ने के काम आती है। क्षतिग्रस्त नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार हो गए और फिर चारों तरफ मोटरसाइकिलें भी बांध ली । इसके कारण नाव अधिक वजन सहन नहीं कर सकी।