जरा सोचिए कड़कती बिजली को कैमरे में कैद करना कितना चुनौतीपूर्ण होगा। फोटो लेने की चाहत रखनेवाले के लिए कितना धैर्य रखना पड़ता होगा बिजली के कड़कने का। कड़कती बिजली का मंजर कैमरे से कैद करना सेकंडों का खेल होता है। जिससे किसी को शोहरत मिल जाती है तो किसी की मेहनत पर पानी भी फि जाता है।
मगर फोटोग्राफर जुहैर अंजुम इस मामले में भाग्यशाली हैं कि उन्होंने अपने कैमरे से इस सीन को कैप्चर किया है। बुर्ज खलीफा से इस ऐतिहासिक नजारे को कैद करने के लिए फोटोग्राफर को बड़े धैर्य का प्रदर्शन करना पड़ा। परफेक्ट शॉट लेने के लिए जुहैर 7 साल से कोशिश कर रहे थे। बुर्ज खलीफा टावर के बाहर उन्हें कई रातें बारिश के इंतजार में गुजारनी पड़ीं। आखिरकार शुक्रवार को उनकी इंतजार की घड़ी खत्म हुई। जुहैब ने अपने कैमरे से बुर्ज खलीफा पर बिजली गिरने के मंजर को कैद कर लिया।
अपने लम्हे को यादगार बनने पर जुहैब कहते हैं, “दुबई में उनकी पहचान तूफान का पीछा करनेवाले के तौर पर रही है। उनका सपना था कैमरे से गिरती बिजली का नजारा कैद कर उसको यादगार बनाना। ऐतिहासिक बुर्ज खलीफा पर बिजली गिरने का मंजर कैद कर उन्होंने साल 2020 की सबसे बेहतरीन शुरुआत की है।”
2016 में भी फोटोग्राफर मोहम्मद आजमी ने दो साल की कोशिश के बाद बुर्ज खलीफा पर कड़कती बिजली का नजारा कैद कर चुके हैं। 56 मंजिला इमारत की छत पर खड़े होकर 29 वर्षीय फोटोग्राफर ने 400 फोटो लिये थे मगर उनमें से सिर्फ एक बुर्ज टावर को छूती हुई बिजली का परफेक्ट शॉट मिला।