UP Politics: उत्तर प्रदेश बीजेपी (BJP) को अब नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का इंतजार है। चर्चा है कि इसी महीने यूपी बीजेपी (BJP) को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि 20 और 21 मई को जयपुर में राष्ट्रीय परिषद होनी है। इससे पहले नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होने की चर्चा काफी तेज है। नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही कई और संगठनात्मक बदलाव बीजेपी (BJP) में देखने को मिलेंगे।
दिखेंगे कई बदलाव
बीजेपी (BJP) एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर काम करती और ऐसे में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) मंत्री बन गए हैं। उसके बाद से ही चर्चा है कि अब जल्द ही नए अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है। नये अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही कई अन्य बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें सबसे बड़ा बदलाव युवा मोर्चा में देखने को मिल सकता है। यहां भी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है।
लिस्ट में इनका नाम है आगे
प्रांशु दत्त द्विवेदी एमएलसी बन चुके हैं। युवा मोर्चा में जो नाम ज्यादा चर्चा में हैं उनमें वर्तमान में राष्ट्रीय युवा मोर्चा टीम में शामिल वैभव सिंह, प्रदेश की युवा युवा मोर्चा टीम में शामिल हर्षवर्धन, मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे अभिषेक कौशिक और युवा मोर्चा के ही पदाधिकारी राहुल राज रस्तोगी और कमलेश मिश्रा का नाम सुर्खियों में है।
इन्हें भी मिल सकता है नया प्रदेश अध्यक्ष
जाहिर है जब प्रदेश अध्यक्ष नया आएगा तो पार्टी के अलग-अलग मोर्चों में भी नए अध्यक्षों की नियुक्ति होगी। ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप अब मंत्री बन चुके हैं ऐसे में ओबीसी (OBC) मोर्चा को भी नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। यहां भी कई नाम चर्चा में है। जबकि बीजेपी (BJP) महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सबसे ज्यादा नाम अगर किसी का चर्चा में है तो वह अपर्णा यादव बिष्ट का है।
वो इसी साल चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी छोड़ बीजेपी (BJP) में आई है। इसके अलावा युवा मोर्चा की सह प्रभारी अर्चना मिश्रा का भी नाम चर्चा में है। हालांकि अभी तक गीता शाक्य जो राजसभा सदस्य हैं वह महिला मोर्चा की कमान संभाल रही है।
जाति और क्षेत्रीय समीकरणों पर रहेगा ध्यान
इतना ही नहीं दयाशंकर सिंह जो वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं वह भी मंत्री बन चुके हैं। वहां पर भी नए उपाध्यक्ष की नियुक्ति होनी है. इसके अलावा अरविंद कुमार शर्मा जो बीजेपी (BJP) के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं वह भी मंत्री बन चुके हैं तो जाहिर है कि वहां पर भी उपाध्यक्ष को नियुक्त किया जाएगा। हालांकि यह सारे परिवर्तन 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किए जाएंगे। इनमें जाति और क्षेत्रीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।