उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) का बिगुल बज चुका है। इस बीच राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौरर जारी है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने भारतीय जनता पार्टी पर उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान ‘ध्रुवीकरण’(Polarisation) करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि भाजपा (BJP)‘एक गियर वाली कार’ चला रही है जो उसे पीछे की ओर ले जा रही है। चौधरी ने कहा कि मुस्लिम विरोधी बयानबाजी से भाजपा (BJP) को कोई फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग इस तरह की राजनीति से तंग आ चुके हैं।
जयंत चौधरी की आरएलडी (RLD) ने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और इसके बजाय वह प्रचार पर ध्यान केंद्रित करेंगे। वहीं, जयंत ने पीटीआई से कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं के सपा-रालोद गठबंधन में शामिल होने से पता चलता है कि गठबंधन सही मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और यह एक ‘आकर्षक, व्यवहार्य विकल्प’ है, क्योंकि गठबंधन जमीनी स्तर का प्रतिनिधित्व करना चाहता है।
भाजपा और सपा-रालोद के बीच होगी लड़ाई
रालोद प्रमुख ने भरोसा जताया कि विपक्षी वोट विभाजित नहीं होंगे, क्योंकि इस बार सपा-रालोद गठबंधन और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है। इसके साथ चौधरी ने कहा, ‘विपक्ष के वोट नहीं बंटेंगे, मुझे भरोसा है। पिछली बार भाजपा (BJP) को वोट देने वाले लोग भी इस बार वास्तव में सपा (SP) के साथ हमारे गठबंधन के लिए मतदान करने वाले हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि मौजूदा सरकार ने पांच साल से अधिक समय में शासन, नेतृत्व और विकास के बारे में कुछ नहीं किया है।’
ध्रुवीकरण पर कही ये बात
सपा (SP) और रालोद में शामिल होने के लिए मंत्रियों, विधायकों और नेताओं के भाजपा (BJP) छोड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टिकट चाहने वाले, मौजूदा विधायक और राजनीतिक रूप से महत्व रखने वाले लोगों का गठबंधन में शामिल होना जमीनी स्तर पर मिल रहे समर्थन का संकेत है। चुनावों में ध्रुवीकरण और इससे निपटने की उनकी योजना के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि लोग इससे निपट लेंगे, क्योंकि मतदाता बहुत समझदार होते हैं। उन्होंने कहा, ‘हां, हाल के दिनों में राज्य में विघटनकारी, दिल को दहला देने वाली कई घटनाएं हुई हैं। लोगों को ठगे जाने का अहसास हुआ है। तथ्य यह है कि दंगे किसी की मदद नहीं करते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि लोग नफरत और समाज में घोले जा रहे जहर से दूर रहना चाहते हैं।’
चौधरी ने की मथुरा चर्चा
चौधरी ने कहा कि उदाहरण के लिए अगर आप ध्यान दें तो मथुरा में ‘मंदिर’ के मुद्दे को जगाने के प्रयासों का जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं हुआ और इसके समर्थन में दस लोग भी सड़कों पर नहीं उतरे। उन्होंने कहा कि यह एक संकेत है कि लोग ध्रुवीकरण की राजनीति से तंग आ चुके हैं और ‘मंदिर’ और मुस्लिम विरोधी बयानबाजी के मुद्दे काम नहीं आएंगे। चौधरी ने भाजपा पर चुनावों के लिए ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक गियर वाली कार है जिसे वे चला रहे हैं और यह उन्हें पीछे की ओर ले जा रही है।
चुनावों के प्रमुख मुद्दों में किसानों का संकट होगा शामिल
इसके साथ रालोद प्रमुख ने कहा कि चुनावों के प्रमुख मुद्दों में किसानों का संकट शामिल होगा। उन्होंने कहा, ‘किसान आज इस तथ्य से बहुत परेशान हैं कि उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। बेशक, विधेयकों के खिलाफ (कृषि कानून) आंदोलन जिस तरह से सामने आया, जिस तरह से आंदोलनकारियों ने कड़ी मेहनत से जीत हासिल की, उसने किसानों में कुछ आत्मविश्वास पैदा किया है। यह चुनाव में एक बड़ा मुद्दा होने जा रहा है।’
चौधरी ने कहा कि दूसरा बड़ा मुद्दा युवाओं से जुड़ी समस्याओं का होगा क्योंकि सरकारी भर्ती प्रभावी तरीके से नहीं हो रही है और समय पर भर्तियां नहीं हो रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि रोजगार के मुद्दे पर सरकार विफल रही है। चौधरी ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना और जिस तरह से न्याय को ‘विकृत’ करने का प्रयास किया गया, वह चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा होगा। तथ्य यह है कि किसानों को गिरफ्तार किया जा रहा है लेकिन फिर भी (गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा) टेनी एक मंत्री हैं। यह स्पष्ट है कि सरकारी तंत्र अब भी उन आरोपियों का पक्ष ले रहा है जो भाजपा के पक्ष में हैं. यह (चुनावों में) एक प्रमुख मुद्दा बनने जा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने यह सवाल भाजपा (BJP) से पूछा था। वे बयान देते हैं कि हम किसानों के पक्ष में हैं और (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी ने किसानों के लिए इसे वापस लिया है, यह एक मास्टरस्ट्रोक है। मैं उनसे पूछता हूं कि मंत्री टेनी पर मुकदमा चलाने के बारे में भूल जाओ, क्या आप उन्हें अगले चुनाव में टिकट भी नहीं देंगे?।’
योगी आदित्यनाथ को लेकर कही ये बात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से चुनाव लड़ने पर चौधरी ने कहा कि योगी ने गोरखपुर से लखनऊ तक एक आश्चर्यजनक यात्रा की और किसी को इसकी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि अब हर कोई उनसे गोरखपुर वापस जाने की उम्मीद कर रहा है।
चुनावों में सपा-रालोद गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा, ‘मैं हमेशा आश्वस्त हूं। ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण हमें बहुत नुकसान हुआ है और हमने वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है जो मतदाताओं के लिए मायने रखते हैं। मुझे उम्मीद है कि मतदाता इसे याद रखेंगे और वे बदलाव के लिए मतदान करेंगे। घोषणापत्र के संबंध में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने कृषि, युवाओं से जुड़े मुद्दों और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।उन्होंने कहा, ‘हमने सरकारी स्कूलों में छात्राओं के लिए मुफ्त सैनिटरी पैड के बारे में बात की है। यह एक पहल है जो अभी देश के केवल दो राज्यों में है।’