केंद्रीय गृहमंत्रालय ने बुधवार को दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों को अपने गृह राज्यों में जाने की अनुमति दे दी है। हालांकि तय नियम-कायदों के तहत ही इन लोगों को बसों के जरिये एक राज्य से दूसरे राज्य भेजे जाने को कहा गया है। लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों,छात्रों और तीर्थयात्रियों को घरों तक पहुंचाने के लिए राज्यों ने तैयारी शुरू दी है। हालांकि बिहार, पंजाब, तेलंगाना और केरल ने केंद्र सरकार से लोगों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की। राज्यों ने कहा है कि लोगों की संख्या काफी है। ऐसे में बसों से इन लोगों को घरों तक पहुंचाने में काफी समय लग जाएगा। वहीं, संक्रमण का भी खतरा रहेगा, क्योंकि कई राज्यों से होकर आना होगा।
बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी मजदूरों को लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की है। मोदी ने कहा संशोधित Lockdown दिशानिर्देशों के मद्देनजर देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों की वापसी की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि बसों की सीमित उपलब्धता और सड़क मार्ग से लाने में महीनों लग सकते हैं।
वहीं, संजय झा ने कहा कि अन्य राज्यों से अपने घर आने को इच्छुक हजारों बिहारवासियों और बिहार सरकार की ओर से हमारा केंद्र से आग्रह है कि हर मुख्य शहर से हमारे लोगों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की व्यवस्था की जाए। संभवतः, इतने लोगों को सकुशल व सीमित समय में घर पहुंचने का यह एक मात्र साधन है।
तेलंगाना के पशुपालन मंत्री टी श्रीनिवास ने मांग की कि केंद्र विशेष ट्रेन व्यवस्था करें और मुफ्त परिवहन प्रदान करें। पंजाब के CM अमरिंदर सिंह ने भी PM नरेंद्र मोदी से विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने का आग्रह किया। पंजाब के CM अमरिंदर सिंह ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे लॉकडाउन के कारण राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों का डेटा तैयार करें। CM ने घोषणा की है कि प्रवासी मजदूरों की वापसी से जुड़ी प्रक्रिया के समन्वय के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि अकेले लुधियाना में सात लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं, जबकि पूरे पंजाब में दस लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक हैं। CM ने कहा कि अभी डेटा जुटाया जा रहा है, हालांकि, पंजाब में लगभग 70% मजदूर बिहार से हैं। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी तादाद में मजदूरों की आवाजाही केवल ट्रेनों के माध्यम से ही संभव है। उनके प्रस्थान के समय सबकी उचित जांच की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राज्य के भीतर फंसे हुए लोगों के आवागमन के लिए सभी जिलाधीश को नोडल प्राधिकार नियुक्त किया है। नोडल प्राधिकार अपने-अपने जिले में फंसे हुए लोगों के नाम दर्ज करेंगे और यह सूची जिलाधीश को सौंपी जाएगी। फंसे हुए लोगों के समूह को नोडल प्राधिकार द्वारा दिए गए पत्र की प्रति को साथ रखना होगा। अधिसूचना में कहा गया है अंतर-राज्यीय आवागमन के लिए भेजने वाले और आगमन वाले राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश एक-दूसरे से संपर्क में रहेंगे और सड़क मार्ग से उनके आवागमन के लिए आपसी तौर पर सहमति जताएंगे।
कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउन के चलते राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों, विद्यार्थियों एवं अन्य लोगों को अपने मूल स्थानों को जाने देने का निर्णय लिया। कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री जे सी मधुस्वामी ने बताया कि यह एकबारगी यात्रा होगी और सरकार जरूरतमंदों के लिए बसों का इंतजाम करेगी लेकिन खर्च उन्हें ही वहन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग राज्य को लौटने को इच्छुक हैं उन्हें कोरोना के परीक्षण से गुजरना होगा।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शाहपुर उपमंडल में 98 कश्मीरी मजदूर आज बसों में जम्मू कश्मीर में अपने घरों के लिए रवाना हुए। शाहपुर के उपमंडल मजिस्ट्रेट जगन ठाकुर ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने चार प्राईवेट बसों में इन मजदूरों को अपने राज्य के लिए रवाना किया। प्रशासन ने इन मजदूरों को पास, पानी की बोतल और फल इत्यादि देकर रवाना किया।