बिहार में बढ़ते कोरोना के क़हर और फिर बारिश के बीच उफनती नदियों से बाढ़ का सितम बढ़ता जा रहा है। सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। खेतों में लगी फसलें जलमग्न हो गई हैं। लोगों का निचले इलाकों से सुरक्षित जगहों पर जाना लगातार जारी है। पशुओं के चारे का भी संकट खड़ा हो गया है। तटबंधों पर पानी के भारी दबाव के बीच बांध टूट रहे हैं। इस बीच बीते 24 घंटे के दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से 17 लोगों की मौत हो गई है।
गुरुवार की रात गोपालगंज जिले के बरौली में देवापुर तथा सिधवलिया के सिकटिया में गंडक नदी के पानी के दबाव से रिंग बांध टूट गया। रिंग बांध टूटने के फलस्वरूप गंडक नदी का दबाव सारण मुख्य तटबंध पर पड़ा। इससे गोपालगंज के बरौली स्थित देवापुर में सेलुइस गेट के पास पानी के दबाव के कारण सारण तटबंध टूट गया है। इससे गंडक नदी का पानी NH 28 की तरफ तेजी से फैल रहा है। देवापुर गांव में गंडक का पानी घुसने से हहाकार मच गया है। मांझागढ़ प्रखंड के पुरैना में भी सारण तटबंध टूट गया है।
गोपालगंज से बेतिया को जोडऩे के लिए गंडक नदी पर बनाए गए जादोपुर-मंगलपुर महासेतु का संपर्क पथ गुरुवार को ध्वस्त हो गया। जिले के सदर प्रखंड के राजवाही बीन टोली गांव के समीप सुबह गंडक के दबाव से सड़क टूटने के कारण महासेतु पर आवागमन ठप हो गया है। जादोपुर- मंगलपुर महासेतु का उद्घाटन 2015 में CM नीतीश कुमार तथा तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया था। सारण जिले में गंडक का जलस्तर बढऩे से पानापुर, तरैया व परसा प्रखंड के 2 दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं।
उधर, पूर्वी चंपारण में संग्रामपुर प्रखंड के दक्षिणी भवानीपुर पंचायत स्थित निहालु टोला में चंपारण तटबंध भी करीब 10 फीट टूट गया है। बाढ़ का पानी NH 74 पर चढ़ने लगा है। तटबंध के टूटने से हो रहे कटाव के कारण कोटवा, केसरिया, कल्याणपुर प्रखंड के कुछ इलाके इसकी चपेट में आ सकते हैं।
पश्चिम चंपारण में बेतिया-गोपालगंज मार्ग पर पुल का एप्रोच रोड धंसने से आवागमन ठप है। पूर्वी चंपारण के सुगौली प्रखंड के कैथवलिया में सिकरहना नदी का रिंग बांध टूट गया है। इससे नए क्षेत्रों में पानी फैल रहा है। मधुबनी में मधवापुर-पुपरी सड़क पर पानी चढ़ा है। समस्तीपुर के निचले क्षेत्र में परेशानी है। सीतामढ़ी में बागमती, अधवारा और लालबकेया, झीम, रातो और मरहा उफान पर है। गणेशपुर लचका के पास एनएच पर पानी चढऩे से पूर्वी चंपारण का संपर्क भंग हो गया है। शिवहर के बेलवा घाट के पास के गांवों के लोग ऊंचे स्थानों पर हैं। मुजफ्फरपुर जिले के औराई व कटरा में स्थिति यथावत है।
वहीं पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में भी बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। जमुई में रेल ट्रैक पर आंजन नदी का पानी बह रहा है। कटिहार में गंगा-महानंदा और खगडिय़ा में कोसी-बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सुपौल की सूचना के अनुसार कोसी नदी नेपाल प्रभाग के दो स्परों पर लगातार दबाव बनाए हुए है। मधेपुरा में कोसी व सुरसर के जलस्तर में बढ़ोतरी से कई गांवों में पानी पहुंच चुका है। किशनगंज में महानंदा, मेंची, कनकई, डोक व अन्य नदियों के जलस्तर में कमी आने से नदी के निचले इलाके में बसे लोगों को राहत मिली है। जलस्तर घटने से नदी कटाव तेज हो गया है। पूर्णिया में महानंदा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर है। इसमें गिरावट दर्ज की जा रही है।