बिहार विधानसभा के दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव (Bihar Assembly Byelection) को लेकर घमासान जारी है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) के बेटों तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बीच खींचतान चरम पर पहुंच गई है. इस कड़ी में तेज प्रताप ने अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के माध्यम से कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर अपनी पार्टी आरजेडी को चौंका दिया है. उन्होंने कुशेश्वरस्थान सीट (Kusheshwarsthan) पर कांग्रेस के उम्मीदवार अतिरेक कुमार को समर्थन देने की घोषणा की है. हालांकि तारापुर सीट (Tarapur) पर उन्होंने आरजेडी के उम्मीदवार अरुण कुमार को समर्थन देने का ऐलान किया है.
तेज प्रताप यादव ने शनिवार को पत्र जारी कर कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों का अध्ययन करते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन दिया जा रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा कि छात्र जनशक्ति परिषद दोनों जगहों पर जोर-शोर से प्रचार करेगा और दोनों उम्मीदवारों को जिताने का काम करेगा.
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन कर आरजेडी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. किसी दल का विधायक रहते हुए किसी दूसरी पार्टी के उम्मीदवार को खुलकर समर्थन करने की घोषणा करना पार्टी में एक बड़ी अनुशासनहीनता मानी जाती है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि आरजेडी आलाकमान इस फैसले पर क्या निर्णय लेता है.
दरअसल पिछले कुछ समय से तेज प्रताप और आरजेडी के बीच जारी तनाव को देखने से पता चलता है कि तेज प्रताप ने अपने फैसले से एक साथ दो निशाने साधे हैं. एक तरफ जहां उन्होंने तारापुर से आरजेडी को समर्थन कर यह जताया है कि वो अभी भी पार्टी के साथ हैं. वहीं, कुशेश्वरस्थान में कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन कर अपना विरोध भी जता है.
बता दें कि कुछ दिन पहले कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस के उम्मीदवार अतिरेक कुमार के पिता वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक राम ने तेज प्रताप यादव से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने तेज प्रताप से यहां चुनाव प्रचार करने का आग्रह किया था.