बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले मुख्यमंत्री Nitish kumar ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने दलित वोटरों को लुभाने के लिए कई बड़े फैसले लिए । उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि अनुसूचित जाति -जनजाति परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर पीडि़त परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के प्रावधान के लिए तत्काल नियम बनाएं। अनुसूचित जाति-जनजाति की विभिन्न योजनाओं का लाभ शीघ्र दिलाने के लिए मुख्य सचिव अपने स्तर से इसकी समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री Nitish kumar की अध्यक्षता में शुक्रवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्यस्तरीय सतर्कता और मॉनीटरिंग समिति की बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि इस कानून के तहत लंबित कांडों का निष्पादन इस महीने की 20 तारीख तक पूरा करें। उन्होंने कहा कि अनुसंधान के काम को निर्धारित समय सीमा में पूरा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि विभाग द्वारा अन्य विशेष न्यायालयों में अन्य विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कानून के तहत दर्ज मामलों के निष्पादन में जो पदाधिकारी गंभीरता नहीं दिखाते हैं उन पर कार्रवाई की जाए। जांच का काम ससमय पूरा किया जाए। जो विशेष लोक अभियोजक अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं कर रहे हैं उन्हें मुक्त करें। एससी-एसटी उत्थान के लिए तथा उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं । अन्य संभावनाओं पर भी विचार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में विभिन्न जन प्रतिनिधियों ने कई सुझाव दिए हैं । इन सुझावों पर गौर करते हुए उन पर त्वरित कार्रवाई की जाए। जो पीडि़त हैं उनको तत्काल राहत के लिए अग्रिम राहत राशि तुरंत उपलब्ध कराएं।
बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, सांसद विजय मांझी, पशुपति कुमार पारस, विभाग के अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के सचिव प्रेम कुमार मीणा , मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा व अनुपम कुमार मौजूद थे।