बिहार में बीजेपी नेता के बयान पर जदयू के गोपालपुर विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने निशाना साधा है। दरअसल बीजेपी विधायक इं. शैलेंद्र ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि मुझे हार मंजूर है लेकिन मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए। इस पर गोपाल मंडल ने कहा कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा करते हैं तो हिंदुओं को बच्चे पैदा करने से किसने रोका है।
जदयू के गोपालपुर विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने कहा कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा करते हैं तो इससे विधायक इंजीनियर शैलेंद्र को क्या समस्या है। हिंदुओं को बच्चे पैदा करने से किसने रोका है।
समाज में घृणा और नफरत फैलाने का कोई औचित्य नहीं है। गोपालपुर विधायक ने भाजपा के बिहपुर विधायक इं. शैलेंद्र के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन पर निशाना साधा है।
नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए बहुत काम किए हैं
गोपाल मंडल ने कहा कि इं. शैलेंद्र ने मुसलमानों व बैकवर्ड समाज के लिए कुछ नहीं किया है। इं. शैलेंद्र बयान देते हैं कि मुझे मुसलमानों का वोट नहीं चाहिए। कौन मुसलमान उनको वोट देना चाहता है। मुसलमानों के लिए मैंने व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुत काम किए हैं।
CM राज्य में दंगा-फसाद नहीं चाहते
नीतीश कुमार ने हमेशा समाज में सौहार्द बनाए रखने का काम किया है। मुख्यमंत्री बिहार में दंगा-फसाद नहीं चाहते हैं। भाजपा विधायक इं. शैलेंद्र का बयान दंगा-फसाद कराने की राजनीति को शह देने जैसा है।
NDA के बूते पर मिली जीत
गोपाल मंडल ने इस बात का भी दावा किया कि उन्होंने ही इं. शैलेंद्र को जीत दिलाई है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में प्रचार करके इं. शैलेंद्र को तो मैंने जीत दिलवाई है। वह अपने बूते पर नहीं, बल्कि एनडीए के बूते जीत पाते हैं।
विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि हिंदू एकजुट हैं और समाज में भाईचारे के साथ रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहते हैं कि एनडीए को मुसलमानों का वोट मिले और भारत सुरक्षित भी रहे।
मुसलमानों को लेकर दिए बयान पर साधा निशाना
दरअसल, विधायक इं. शैलेंद्र ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि मुझे हार मंजूर है, लेकिन मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए। इसी बयान पर जदयू के गोपालपुर विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने उन पर निशाना साधा है।
इंजीनियर होकर भी निरक्षर की तरह बातें करते हैं शैलेंद्र
गोपाल मंडल ने कहा कि एक बार इं. शैलेंद्र विक्रमशिला पुल पर घरना पर बैठ गए थे। जाम लगने के कारण वहां के यादव लोग बहंगी लेकर दौड़े तो इं. शैलेंद्र ने कार्यकर्ताओं के साथ वहां से भागने में ही भलाई समझी।
थाने में धरना देना व बढ़-चढ़कर बोलना तो उनका धंधा बन चुका है। इं. शैलेंद्र इंजीनियर होकर भी निरक्षर की तरह बातें करते हैं।