केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में ऐलान किया कि पूरे देश में NRC लागू की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के लोगों को इससे डरने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। राज्यसभा में शाह ने कहा कि NRC में धर्म के आधार पर लोगों को बाहर करने का कोई प्रावधान नहीं है। अगर किसी का नाम NRC से बाहर कर दिया गया तो उन्हें ट्रिब्यूनल में आवेदन करने का अधिकार है। अगर उनके पास इसके लिए पैसा नहीं है तो असम सरकार इसके लिए वकील मुहैया करवाएगी। असम में पहली बार NRC लागू की गई है, जिसमें 19 लाख लोगों को बाहर किया गया है।
वहीं, अमेरिका अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने NRC प्रक्रिया पर चिंता जताते हुए मंगलवार को कहा कि असम में लंबे समय से रह रहे करीब 20 लाख लोग जल्द ही कहीं के भी नागरिक नहीं रहेंगे। साथ ही आरोप लगाया कि उनकी नागरिकता ‘‘निष्पक्ष, पारदर्शी और सुशासित प्रक्रिया के बिना” समाप्त की जा रही है।