airstrikes against Iranian-backed militia

पूर्वी सीरिया में America ने ईरान समर्थित आतंकियों पर की एयरस्‍ट्राइक

अमेरिक ने पूर्वी सीरिया में आतंकियों के ठिकाने पर एयरस्‍ट्राइक की है। इसका आदेश अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन दिया था। अपने आदेश में उन्‍होंने पूर्वी सीरिया में स्थित ईरान समर्थित आतंकियों पर सीमित Airstrikes करने को कहा था। ये फैसला हाल ही में इराक में अमेरिकी सेना के जवानों को निशाने बनाए जाने के बाद लिया गया। हालांकि बाइडन ने हमले की कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश केवल सीरिया के लिए ही दिए थे। बाइडन ने अपने आदेश में ईरानी आतंकियों के उन ठिकानों पर Airstrikes करने को कहा है जिसका उपयोग वो संभावित तौर पर करते हैं। इसकी जानकारी पेंटागन के प्रवक्‍ता जॉन क्रिबी ने दी है।

क्रिबी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि राष्‍ट्रपति बाइडन अपने जवानों और अपने साथी लोगों के जीवन की रक्षा के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि राष्‍ट्रपति बाइडन सीरिया और इराक में हालात खराब नहीं होने देना चाहते हैं। जहां तक अमेरिकी Airstrikes की बात है तो ये बॉर्डर कंट्रोल पर मौजूद ईरानी आतंकियों के ठिकानों प ही की गई। ये सभी ठिकाने कताइब हिजबुल्‍ला और कताइब सैयद अल शुहादा से संबंधित हैं। क्रिबी ने साफ कर दिया है कि इन हमलों का मकसद आतंकियों को इस बात का संदेश देना है कि वो उन्‍हें उनकी करतूतों की सजा देना चाहते हैं। इसका मकसद हालात को और अधिक गंभीर बनाना नहीं है।


हालांकि अभी ये साफ नहीं हो सका है कि जिन जगहों पर Airstrikes की गई है वहां पर कितने आतंकी ढेर हुए हैं। आपको बता दें कि इस इलाके में अमेरिका ने पहले भी कई बार Airstrikes को अंजाम दिया है। इराक में अमेरिकी जवानों पर हमला उस वक्‍त किया गया जब ईरान के लिए परमाणु संधि पर दोबारा लौटने के लिए रास्‍ते तलाशे जा रहे थे। वर्ष 2015 में बराक ओबामा प्रशासन के दौरान हुई इस संधि को राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने बेकार बताते हुए खारिज कर दिया था और वो संधि से बाहर आ गए थे। इसके बाद ईरान ने भी संधि से अपना नाता तोड़ लिया था।


आपको बता दें कि 15 फरवरी को इरबिल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बने अमेरिकी बेस पर रॉकेट से किए गए हमले में एक गैर अमेरिकी कांट्रेक्‍टर की मौत हो गई थी और कुछ अन्‍य अमेरिकी कांट्रेक्‍टर घायल होगए थे। घायलों में यूएस सर्विस के सदस्‍य भी शामिल थे। इसके बाद 23 फरवरी को भी बगदाद स्थित ग्रीन जोन पर भी इसी तरह से हमला किया गया था। यहां पर अमेरिकी दूतावास के अलावा कुछ और राजनयिकों का निवास है। इराक की सरकार 15 फरवरी को हुए अमेरिकी जवानों पर हमले की जांच करवा रही है।

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