कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने GST की खामियों और ई-कॉमर्स से संबंधित मुद्दों के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन इसको समर्थन कर रहा है। यह लगभग 1 करोड़ ट्रांसपोटर्स का प्रतिनिधित्व करता है। कैट का दावा है कि दिल्ली सहित देश भर के 40,000 से अधिक व्यापारिक संगठनों के 8 करोड़ से अधिक व्यापारी इस बंद का समर्थन कर रहे हैं। वहीं नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान भी भी बंद का समर्थन कर रहे हैं।
किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से बंद में शांतिपूर्ण तरीके शामिल होने अपील की है। उसने एक बयान में कहा है कि वह देश के सभी किसानों से Bharat Bandh का शांतिपूर्ण ढंग से समर्थन करने और बंद को सफल बनाने की अपील करते हैं।
हालांकि, कई व्यापारियों के संगठन जैसे अखिल भारतीय व्यापार मंडल और भारतीय उद्योग संघ मंडल ने बंद को समर्थन नहीं दिया है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि GST संशोधनों के खिलाफ देशभर के सभी राज्यों के लगभग 1500 बड़े और छोटे संगठन विरोध प्रदर्शन करेंगे। देश के लोगों को भारत व्यापी बंद के कारण कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कैट ने दवा दुकानों, दूध और सब्जियों की दुकानों जैसे आवश्यक सेवाओं को बंद से अलग रखा है।