सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया। शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी बयान में साफ किया गया है कि चीन ने प्रयास तो किया लेकिन सैनिकों ने बलिदान देकर ढांचागत निर्माण और अतिक्रमण की कोशिशों को नाकाम कर दिया। PM मोदी के बयान के बाद Rahul Gandhi सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सवाल उठाया था कि यदि चीन ने घुसपैठ नहीं किया था तब सैनिकों की शहादत हुई कैसे?
PMO की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है सर्वदलीय बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि सरकार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) में कोई एकतरफा होने देगीबदलाव नहीं । प्रधानमंत्री का स्पष्ट रुख है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने की किसी भी कोशिश का मजबूती से जवाब दिया जाएगा।
बयान में कहा गया, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है जब वीर सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।” सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणियां गलवान में 15 जून को हुई घटनाओं पर केंद्रित थी जिसमें 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष Rahul Gandhi ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला करते हुए शनिवार को कहा कि चीनी घुसपैठ पर सर्वदलीय बैठक में दिया गया MODI का बयान साबित करता है कि चीनी आक्रमकता के सामने उन्होंने समर्पण कर दिया है। उन्होंने सवाल किए कि ‘यदि भूमि चीनी थी तो हमारे सैनिकों को क्यों मारा गया और वे जाबाज कहां मारे गए थे।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर शनिवार को सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट दे दी है?