अखिलेश के इस दांव को शिवपाल की पार्टी ने बताया सियासी बचपना

लोकसभा चुनाव के बाद 13 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर यूपी की सियासत में हलचल तेज देखने को मिल रही है। योगी ने अपनी कैबिनेट के विस्तार में कुछ ऐसे चेहरे को शामिल किया जिससे उनको आगे फायदा हो सके। इतना ही नहीं बीजेपी और कांग्रेस के आलावा बसपा भी उपचुनाव को लेकर खास रणनीति बनाने की बात कह रहे हैं लेकिन सपा इस बार उपचुनाव में अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए पार्टी के अंदर चल रहे घमासान को खत्म करने पर ज्यादा फोकस कर रही है।

अखिलेश ने इस बार कांग्रेस और बसपा दोनों से दूरी बना डाली है। इस वजह से अखिलेश यादव ने इस बार उपचुनाव में नया प्लान तैयार किया है। अखिलेश यादव छोटे-छोटे दलों को साथ लेकर इस बार चुनावी दंगल में उतर रहे हैं। अखिलेश ने इससे पूर्व कांग्रेस और बसपा से हाथ मिलाया था लेकिन वह फ्लॉप रहा। इस बार अखिलेश ने बीएसपी के पूर्व मंत्री घूरा राम, वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षक संघ, किसान यूनियन और फूलन सेना जैसे छोटे संगठनों और दलों के नेताओं को सपा को इंट्री दिलायी है।

अखिलेश के इस कदम से बीजेपी उनपर निशाना साध रही है लेकिन शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा भी अखिलेश की योग्यता और नेतृत्व पर सवाल उठा रही है। पीएसपीएल के प्रवक्ता सीपी रॉय मानते है कि इस तरह के प्रयोग अखिलेश के सियासी अपरिपक्वता और आत्मविश्वास दिखाते हैं। कुल मिलाकर देखना होगा शिवपाल के बगैर सपा को इस बार कितना नुकसान होता है और इसके साथ ही अखिलेश के इस नये प्रयोग से उनकी पार्टी को कितना फायदा मिलता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1