राजधानी के माल थाना क्षेत्र के खखरा गांव में बोरवेल की खुदाई करते समय मिट्टी ढह जाने से अंदर खुदाई कर रहा मजदूर फंस गया। मजदूर के बंद होने से मौजूद लोगों के हाथ-पैर फूल गये। आनन-फानन में अन्य लोगों को बुलाया गया और बोरवेल की खुदाई शुरू कर दी गयी। करीब तीन घंटे कड़ी मशक्कत के बाद मजदूर को सकुशल बाहर निकाला जा सका। इस बीच पुलिस को तमाशबीन की भूमिका में खड़े देख ग्रामीणों में नाराजगी भी देखी गयी।
दरअसल, आदमपुर पंचायत के मजरे खखरागांव में रामकुमार पाल का बाग में बना बोरिंग खराब हो गया था। रामकुमार ने बोरवेल में चुनाई कराये गये ईंटों को निकलवाने का ठेका कोलवा गांव में रहने वाले मजदूर त्रिभुवन और उसके सहयोगी रामकिशोर, जोधा, आशीष कुमार और रघुबीर को एक हफ्ता पहले साढ़े छह हजार रुपये में दिया था। जो पिछले तीन दिन से बोरवेल की खुदाई कर रहे थे। लगभग बीस फिट खुदाई हो चुकी थी और बिस फिट खुदाई करने शेष था। बुधवार को लगभग ग्यारह बजे अचानक बोरवेल में ऊपर से मिट्टी ढह गयी। जिससे बोरवेल के अंदर खुदाई कर रहा ठेकेदार त्रिभुवन बोरवेल के अंदर दब गया। गनीमत यह रही कि बोरवेल पर बना इंजन रखनेवाला फाउंडेशन बोरवेल के गड्ढे के ऊपर रख था। जिससे ईंट और मिट्टी त्रिभुवन के ऊपर जाने से रुक गयी और वो अंदर सुरक्षित रहा। बोरवेल में दबने से चीख पुकार होने लगी। ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुंचे और बोरवेल की खुदाई में जुट गये।
इस बीच डायल100 पर पुलिस को सूचना दी गई और एम्बुलेंस को भी बुलाया गया लेकिन सूचना देने के बावजूद वो मौके पर देर में पहुंची। हलांकि हल्के के सिपाही सुरेश मिश्रा ने मौके पर मानवता का परिचय देते हुये ग्रामीणों के मिट्टी खुदाई में सहयोग करते दिखे। ग्रामीणों के मुताबिक इंस्पेक्टर शैलेन्द्र सिंह के कहने के बावजूद भी पुलिस तमाशबीन नजर आयी। त्रिभुवन को बोरवेल से तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एक बजकर पन्द्रह मिनट पर सकुशल निकाल लिया गया। तब पुलिस और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।