OMICRON VARIANT SPREADING VIA AIR

कोरोना के तांडव के बाद अब मुंह पसारे खड़ा है नया वेरिएंट R.1, एंटीबॉडी को मात देकर किसी को भी कर सकता है संक्रमित

R.1 Variant: कोरोना को दुनिया में आए हुए लगभग डेढ़ साल से ऊपर हो गया है। अब तक यह वायरस कई रूप बदल चुका है और पहले के मुकाबले अधिक शक्तिशाली हो गया है। विश्व भर में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने भारत समेत दुनियाभर की मुसीबत बढ़ाई थी। लेकिन अब इसी वायरस का एक नया प्रारूप सामने आया है।

शोधकर्ताओं ने हाल ही में बताया है कि कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आया है जिसे R.1 नाम दिया गया है। कोरोना के इस स्ट्रेन के मामले ना केवल यूएस के अंदर देखने को मिल रहे हैं। बल्कि अन्य देशों में भी इस स्ट्रेन के कई केस सामने आए हैं। हालांकि अब तक इस वायरस के मामले अधिक नहीं हुए हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। आइए विस्तार से जानते हैं इस वेरिएंट के बारे में।

यह स्ट्रेन सार्स कोविड 2 श्रेणी से संबंधित है। ऐसे में इस स्ट्रेन की लिमिटेशन और क्षमता सबसे पहले वेरिएंट के मुकाबले थोड़ी अलग हो सकती है। यूं तो अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट डेल्टा ही रहा है।

लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस वेरिएंट की गंभीरता को जानने के लिए इसका गहन अध्ययन करना होगा। वहीं रिपोर्ट बताती हैं कि आर.1 वेरिएंट में कुछ बदलाव भी देखने को मिले हैं। ऐसे में यह वायरस तेजी से फैल सकता है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।

आपको बता दें कि कोरोना के आर.1 वेरिएंट का मामला बीते साल सबसे पहले जापान में आया था। तब से लेकर यह वेरिएंट अब तक 35 देशों में पाया गया है और इससे लगभग 10000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में यह वायरस अप्रैल 2021 से मौजूद हैं। इस स्ट्रेन के शुरुआती मामले केंटुकी नर्सिंग होम में पाए गए थे। ज्ञात हो कि यहीं पर कोविड का टीकाकरण चल रहा था।

CDC के अध्ययन के मुताबिक नर्सिंग होम में टीकाकरण करा चुके 87 प्रतिशत लोगों में इस स्ट्रेन के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए। वहीं जिन लोगों ने टीकाकरण नहीं कराया था, उन लोगों में ही इस स्ट्रेन के लक्षण नजर आए हैं। आपको बता दें कि इस स्ट्रेन को सीडीसी ने खतरनाक वेरिएंट की सूची में शामिल नहीं किया है।

क्या वैक्सीन के द्वारा प्राप्त की गई एंटीबॉडी को भी वायरस बेअसर कर सकता है या नहीं। यह बात इस पर निर्भर करती है कि वायरस का कौन – कौन से म्यूटेंट से बना है।

आपको बता दें कि आर.1 वेरिएंट कई म्यूटेशन के जरिए बना है। सीडीसी के मुताबिक इस स्ट्रेन के जरिए एन – टर्मिनल डोमेन में ज्यादा उत्परिवर्तन हो सकता है। यह एक ऐसा प्रोटीन का क्षेत्र है जो एंटीबॉडी के प्रभाव को कम कर सकता है। यानी यह म्यूटेंट के अंदर कुछ ऐसे खतरनाक चीजें मौजूद हैं जो आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं और और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को भी पूरी तरह खत्म कर सकता है। यही कारण भी है जिसकी वजह से वैज्ञानिकों को लगती है कि आर.1 म्यूटेशन उन लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है जो वैक्सीनेशन करा चुके हैं।

भले ही कोरोना के नए – नए स्ट्रेन या म्यूटेंट देखने को मिल रहे हों और इन्हे लेकर उत्सुकता बनी हुई है। लेकिन सीडीसी के मुताबिक अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट डेल्टा ही है। यह डेल्टा वेरिएंट पिछले वेरिएंट के मुकाबले दो गुना ज्यादा खतरनाक है। इसकी वजह से उन लोगों को ज्यादा समस्या हो सकती है जिन्होंने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है।

हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है और अगर वह इस डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित हो जाते हैं तो यह उन पर 11 गुना खतरनाक हो सकता है। यही नहीं इन लोगों की जान जाने का जोखिम अधिक है।

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