भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद अन्य देशों में भी इसकी मांग जोर पकड़ने लगी है। स्थिति यह है कि दुनिया के 92 देशों ने मेड इन इंडिया वैक्सीन के लिए भारत से संपर्क किया है। इससे वैक्सीन हब के रूप में भारत की साख और मजबूत हुई है। पिछले शनिवार को कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद भारत में निर्मित टीकों के नगण्य साइड इफेक्ट देखे गए हैं।
इसे देखते हुए दुनिया के कई देशों की दिलचस्पी इनमें बढ़ी है। डोमिनिकन रिपब्लिक के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वैक्सीन भेजने का अनुरोध किया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पूरी विनम्रता के साथ मैं आपसे वैक्सीन भेजने का अनुरोध करता हूं, ताकि हम अपने लोगों को महामारी से सुरक्षित कर सकें।
इसके अलावा ब्राजील ने वैक्सीन लाने के लिए विशेष विमान भारत भेजा है। वहां के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो PM मोदी को पत्र लिखकर वैक्सीन भेजने का अनुरोध कर चुके हैं। इस बीच, बोलीविया की सरकार ने 50 लाख डोज कोरोना वैक्सीन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट के साथ करार किया है। भारत सरकार सद्भावना के तौर पर नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार समेत कई पड़ोसी देशों को वैक्सीन भेज भी रही है।
भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। इनमें कोविशील्ड का विकास ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने किया है। इसका उत्पादन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है। कोवैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी वैक्सीन है और इसका निर्माण भारत बायोटेक ने आइसीएमआर के साथ मिलकर किया है।