केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों की सबसे बड़ी उपलब्धि में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करना शामिल है और हमारा अगला एजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाना है। जितेंद्र सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुद्दे पर कहा, ‘‘यह 1994 में पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सर्वसम्मति से पारित संकल्प है। यह केवल मेरी या मेरी पार्टी की प्रतिबद्धता नहीं है बल्कि यह एक स्वीकार्य रुख है।”
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने पर पाकिस्तान की ओर से शुरू किये गए दुष्प्रचार अभियान पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि विश्व का रुख भारत के अनुकूल है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ देश जो भारत के रुख से सहमत नहीं थे, अब वे हमारे रुख से सहमत हैं।” उन्होंने कहा कि कश्मीर में आम आदमी मिलने वाले लाभों को लेकर खुश है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कश्मीर न तो बंद है और ना ही कर्फ्यू के साए में है, बल्कि वहां सिर्फ कुछ पाबंदियां लगी हुई हैं। सिंह ने देश विरोधी ताकतों को चेतावनी दी कि उन्हें जल्द उस मानसिकता को बदलना होगा कि वे कुछ भी करने के बाद बच पाएंगे। सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘हमें ऐसे बयानों (कश्मीर कर्फ्यू के साए में है और पूरी तरह से बंद है) की निंदा करने की जरूरत है। कश्मीर बंद नहीं है। वहां कर्फ्यू नहीं है। अगर कर्फ्यू होता तो लोगों को ‘कर्फ्यू पास’ के साथ बाहर निकलना होता।’
उन्होंने कहा कि कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। इंटरनेट सेवा बंद रखने के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम इसे जल्द से जल्द बहाल करना चाहते हैं। एक कोशिश की गई थी लेकिन सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो डाले जाने लगा और फैसले की दोबारा समीक्षा करनी पड़ी।’ सिंह ने कहा कि सरकार इन पाबंदियों को खत्म करने और इंटरनेट पर रोक हटाने को इच्छुक है।
आतंकियों द्वारा आम लोगों की हत्या के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें पाकिस्तान का हाथ है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘यह मानसिकता है कि आप कुछ भी करके बच निकलेंगे। अब आप बच कर निकल नहीं पाएंगे, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए आपको कीमत चुकानी होगी।’