आपने अब तक फर्जी बैंक खाता खाेलने के बारे में ही सुना हाेगा, लेकिन तमिलनाडु में एक युवक ने बैंक की फर्जी शाखा ही खोल ली थी। वह भी देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक के नाम की शाखा। पिछले लगभग 3 महीनों से वो इस शाखा का संचालन भी कर रहा था।
घटना तमिलनाडु के कडलाेर जिले के पनरुत्ती कस्बे की है। 80 हजार की आबादी वाले इस कस्बे में यह ब्रांच 3 महीने से चल रही थी और एक ग्राहक की शिकायत पर इसका भंडाफाेड़ हो पाया। पुलिस ने 19 वर्षीय मास्टरमाइंड युवक समेत 3 लाेगाें काे गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पुलिस का कहना है कि फिलहाल किसी व्यक्ति ने भी धाेखाधड़ी की शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
दरअसल पनरुत्ती में स्टेट बैंक की दाे शाखाएं हैं। कुछ दिन पहले एक शाखा में एक ग्राहक पहुंचा और ब्रांच मैनेजर से पूछा कि शहर में तीसरी शाखा खुल गई और आपने बताया ही नहीं। यह सुनकर मैनेजर हैरान रह गए और तीसरी शाखा की बात को नकार दिया। लेकिन जब ग्राहक ने कथित ब्रांच से मिली जमा पर्ची दिखाई ताे मैनेजर का माथा ठनका।
उन्हाेंने क्षेत्रीय कार्यालय से पता किया तो यह बात पुख्ता हो गई कि शहर में कोई नई शाखा नहीं खुली है। इसके बाद जब मैनेजर खुद उस फर्जी शाखा में पहुंचे तो चकरा गए। वहां फर्नीचर से लेकर स्टेशनरी तक सबकुछ असली शाखा जैसा ही था। कैश डिपाॅजिट चालान, रबर स्टैंप, फाइल पर बैंक का नाम छपा हुआ था। वहां करेंसी काउंटर मशीन, डेस्कटाॅप कंप्यूटर, प्रिंटर और दर्जनाें फाइलें भी माैजूद थीं।
मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने मास्टरमाइंड कमल (19 वर्ष), रबर स्टैंप वेंडर मणिकम (52 वर्ष) और प्रिंटिंग प्रेस संचालक कुमार (42 वर्ष) काे हिरासत में ले लिया। पूछताछ में पता चला कि इन लोगों ने अप्रैल 2020 में ही इस फर्जी शाखा को खोला था। यही नहीं, पनरुत्ती बाजार शाखा के लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई थी।
पूछताछ में कमल ने बताया कि उसके माता-पिता बैंक में नौकरी करते थे। उनके पास बैंक जाने के दाैरान उसे बैंकिंग की जानकारी हाे गई थी। कुछ साल पहले पिता की मौत हाे गई। मां रिटायर हाे गई। अनुकंपा नौकरी के लिए आवेदन किया। इसमें देरी हुई तो ब्रांच खोल ली। वह खुद का बैंक खाेलना चाहता था। हालांकि किसी से धोखाधड़ी नहीं की।