काल अष्टमी के दिन की जाती है Kaal Bhairava की पूजा

16 मार्च को Kalashtami यानि कालाष्टमी है। इस दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन Kaal Bhairava की पूजा करने से जीवन में चल रहे संकटों में निजात मिलती है और भगवान शिव अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते हैं।

इस दिन Kaal Bhairava की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन उन लोगों को जरूर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए जिनके जीवन में बाधाएं बनी हुई हैं या फिर धन हानि हो रही है। वहीं जो लोग शत्रुओं से पीड़ित हैं उन्हें भी इस दिन पूजा करने से लाभ की मिलता है।
Kalashtami के दिन Kaal Bhairava के साथ साथ मां दुर्गा की भी पूजा की जाती है। इस दिन शीतला अष्ठमी भी है । काल भैरव की पूजा करने से मंगल दोष दूर होता है।

Kaal Bhairava की पूजा रात्रि में की जाती है। पूजा में भैरव कथा का पाठ किया जाता है। इसके बाद भगवान शिव को जल चढ़ाया जाता है। भगवान शिव की प्रिय वस्तुओं का अर्पण करें। अभिषेक करें। इस दिन मां शीतला की भी पूजा विधि विधान से करनी चाहिए।

इस दिन व्रत भी रखना चाहिए। इस दिन किसी भी प्रकार के व्यसन से बचना चाहिए। क्रोध नहीं करना चाहिए और फलाहार लेना चाहिए। इस दिन प्रभु का ही स्मरण करना चाहिए। इससे मन को शांति मिलती है और एक सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है जो आपके कार्यों को सफल बनाने में मदद करेगी।

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