राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज विदेशी मीडिया से मुलाकात की। इस मुलाकात में 30 देशों के विदेशी पत्रकारों शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने संघ के विजन को उनसे साझा किया। आरएसएस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि उनकी यह बातचीत निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा है जहां ‘सरसंघचालक’ (संघ के प्रमुख) समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ रचनात्मक बातचीत में शामिल होते हैं।
डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में यह कार्यक्रम आयोजित था। इस बयान में बताया गया कि यह बातचीत करीब ढाई घंटे तक चली। यह बातचीत भागवत द्वारा दिए गए संक्षिप्त परिचय के साथ शुरू हुई, इसके बाद एक प्रश्न-उत्तर सत्र के साथ कई मुद्दों की एक विस्तृत रूप से चर्चा हुई।
30 देशों के लगभग 80 पत्रकारों ने हिस्सा लिया
इस बातचीत के कार्यक्रम में 50 से अधिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 देशों के लगभग 80 पत्रकारों ने हिस्सा लिया। इस दौरान संघ के महासचिव सुरेश (भैयाजी) जोशी, संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य, कृष्ण गोपाल, संघ के उत्तरी क्षेत्र प्रभारी बजरंग लाल गुप्त और इसके दिल्ली इकाई के प्रमुख कुलभूषण आहूजा भी इस बातचीत के कार्यक्रम में मौजूद थे।
एक साल बाद आयोजित हुई बैठक
बता दें कि यह बैठक भागवत द्वारा दिल्ली में पिछले साल सितंबर में आयोजित तीन दिवसीय लेक्चर सीरीज के ठीक एक साल बाद हुई है। इस बैठक में केवल भारतीय मीडिया ने ही हिस्सा लिया था, विदेशी मीडिया को इसमें शामिल नहीं हुई थी।
संघ का देश में प्रभाव बढ़ा
केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा 27 सितंबर 1925 में को नागपुर में स्थापित संघ का विचार पूरे समाज को संगठित करने और हिंदू धर्म की रक्षा सुनिश्चित करने के माध्यम से देश को गौरव के शिखर तक ले जाना है।संघ भारत की प्रगति और वैश्विक शांति के लिए समर्पित एक सामाजिक संगठन है। संघ के विकास और उसके बढ़ते प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब देश के सभी शीर्ष संवैधानिक पद स्वयंसेवकों के पास हैं।