लॉकडाउन की वजह से मजदूरों का पैदल पलायन नहीं रुक रहा है. इसी दौरान मजदूरों की कठिनाईयों की कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जो व्यवस्था पर सवाल तो उठाती ही हैं साथ ही मजदूरों की बेबसी को भी बयां करती हैं। बता दें बीते दिनों लॉकडाउन के दौरान आगरा राजमार्ग पर एक प्रवासी महिला के बच्चे को अटैची पर लटकी हुई अवस्था में सुलाकर खींचने की तस्वीर सामने आई थी। अब इस मामले मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानी NHRC ने पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया है। बता दें NHRC ने बीते शुक्रवार को कहा कि वह अभूतपूर्व स्थिति से भलीभांति परिचित है और लॉकडाउन के दौरान आ रही मुश्किलों को दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि बच्चे और उसके परिवार के दर्द और तकलीफ को स्थानीय अधिकारियों को छोड़कर रास्ते में मिलने वाले कई लोगों ने महसूस किया। साथ ही कहा कि आए दिन प्रवासी मजदूरी की आ रही ऐसी तस्वीरे मानवाधिकार के उल्लंघन के समान है और ऐसे में NHRC का मामले में दखल देना अनिवार्य हो गया है। बता दें मामले में एनएचआरसी ने पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों और आगरा के जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर चार हफ्ते अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगा है।
कोरोना संक्रमण की वजह से जारी लॉकडाउन ने बीते 50 से ज्यादा दिनों से कामकाज ठप्प कर रखा है। ऐसे में देश के सभी बड़े शहरों से मजदूरों और कामगारों के पलायन का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में झांसी जिले के महोबा के करीब डेढ़ दर्जन लोग पंजाब से पैदल अपने घर जाने के लिए निकले। जिनमें कई छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे, जिनका पैदल चलना मुश्किल था ऐसे में कई ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिसने सभी का कलेजा व्यथित कर दिया था।