झारखंड विधानसभा चुनाव में कोल्हान की 14 सीटें किसी भी दल को सत्ता में पहुंचाने के लिए अहम कील साबित होगी। कोल्हान के चक्रधरपुर से प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ अपनी दावेदारी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इन्होंने कई बार नयी दिल्ली का दौरा भी किया है। दिल्ली में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य नेताओं से इन्होंने मुलाकात भी की है।
बुधवार की सुबह भी ये नई दिल्ली से रांची आये और पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में इस बात की काफी चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके लक्ष्मण गिलुआ को शायद टिकट नहीं मिले। बीजेपी यहां से नवामी उरांव और एक नये चेहरे को सामने लाना चाहती है।
लोकसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष गिलुआ का प्रदर्शन ठीक नहीं था
सूत्रों के अनुसार कि लक्ष्मण गिलुआ 2009 में चक्रधरपुर से चुनाव जीते थे। इसके बाद 2014 में वे चाईबासा से सांसद बने, 2019 में चाईबासा से लोकसभा का चुनाव हार गये। 2019 में बतौर प्रदेश अध्यक्ष वे चुनाव लड़े थे और भारी मतों से हार का सामना किया। ऐसे में उनकी दावेदारी पर सवाल खड़ा करते हुए नये चेहरे को टिकट देने की मांग भी हो रही है। विधानसभा सीट के लिए भागमभाग करने की स्थिति से भी कई नेताओं की पार्टी के भीतर ही भौंहें तनी हुई हैं।
बेहतर रहा है झामुमो का प्रदर्शन
2014 में चक्रधरपुर विधानसभा सीट से शशिभूषण सामद को जीत मिली थी। इन्होंने भाजपा के नमामी उरांव को हराया था। 2009 के बाद के चुनाव में झामुमो ने इस सीट पर अपना वर्चस्व बरकरार रखा है। कोल्हान में भाजपा के लिए सुरक्षित सीटें अब तक जमशेदपुर पूर्वी, इचागढ़, पोटका, घाटशिला सीट मानी जाती रही है।
सरायकेला और खरसावां सीट जो पहले बीजेपी के लिए मजबूत सीटों में से एक थी, इन सीटों पर झामुमो का प्रदर्शन लगाता बेहतर रहा है। सरायकेला से चंपाई सोरेन 2014 में जीते थे। यहां पर गणेश महली भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, जो दूसरे स्थान पर रहे थे। 2009 में भी चंपाई सोरने यहां के विधायक रहे थे। सरायकेला में लगातार भाजपा अपना प्रत्याशी बदलती रही है।
2009 में लक्ष्मण टुडू को टिकट दिया गया था, पर वे दूसरे स्थान पर रहे थे। झामुमो ने 2014 में बहरागोड़ा, चक्रधरपुर, खरसावां, सरायकेला, मझगांव, मनोहरपुर, चाईबासा सीटें इनके खाते में गयी थी। 2014 में भाजपा के पास जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, पोटका, घाटशिला, सीटें ही मिली थी। आजसू पार्टी को जुगसलाई, जेवीएसपी पार्टी की गीता कोड़ा ने जगन्नाथपुर से चुनाव जीता था। अब वे चाईबासा से कांग्रेस पार्टी की सांसद हैं।
2009 में बीजेपी को मिली थी कोल्हान में पांच सीटें
2009 में बीजेपी को पांच सीटें मिली थी. कांग्रेस, आजसू पार्टी, जेबीएसपी, झाविमो को एक-एक सीटें मिली थी। 2009 के चुनाव में भाजपा के दिग्गज सरयू राय चुनाव हार गये थे। वहीं बहरागोड़ा से बीजेपी के प्रत्याशी रहे डॉ दिनेशानंद गोस्वामी 2009 और 2014 का चुनाव हार चुके हैं। इस बार भी वे बहरागोड़ा से टिकट के बड़े दावेदारों में से एक हैं पर पार्टी समीर मोहंती भी लगे हुए हैं। यहां से निर्वतमान विधायक कुणाल षाड़ंगी बीजेपी में शामिल हो गये हैं। इसलिए उनका टिकट कनफर्म माना जा रहा है। ऐसे में समीर मोहंती जेएमएम की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।