CMO ने अफसरों को निर्देश दिया है कि गर्भाधान एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकि अधिनियम (पीसीपीएनडीटी एक्ट) यानी गर्भ में लिंग की पहचान करने के खिलाफ कानून एक्ट को प्रभावी तरीके से लागू कराएं। इसके साथ ही जांच केंद्रों पर जाकर निरीक्षण करें और सख्ती से पालन करने के निर्देश दें। कोई भी कमी या तथ्य छिपायें जाने पर जांच केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
CMO डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने अपने कार्यालय सभागार में लिंग की पहचान करने के खिलाफ कानून के बेहतर अमल के लिए कार्यशाला का को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर परिवार कल्याण निदेशालय के संयुक्त निदेशक व पीसीपीएनडीटी एक्ट के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह ने एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने की बारीकियों पर जानकारी दी। CMO व पीसीपीएनडीटी एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. आरवी सिंह ने एक्ट के नियमों के बारे में बताते हुए कहा कि अल्ट्रासाउंड करते समय नियमों को लागू करना डॉक्टरों की जिम्मेदारी है। कार्यशाला में जिला अस्पताल, CHC व BMC की स्त्री रोग विशेषज्ञ व रेडियोलाजिस्ट मौजूद रहे।