भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खेले गये सीरीज के पहले टी-20 मैच में युजवेंद्र चहल प्लेयर आफ दि मैच चुने गये, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि चहल इस मैच में प्लेइंग इलेवेशन का हिस्सा नहीं थे। चहल को ‘कॉन्कशन रिप्लेसमेंट’(सिर में चोट लगने पर किसी दूसरे खिलाड़ी को टीम में शामिल करना) के तौर पर रविंद्र जडेजा की जगह टीम में शामिल किया गया था। जडेजा को भारतीय पारी के आखिरी ओवर में मिशेल स्टार्क की बाउंसर से चोट लगी थी।
मैदान पर वह विकेट के बीच दौड़ते हुए दर्द से तड़पते नजर आये थे. हालांकि जडेजा ने शानदार खेल दिखाया था और मात्र 23 बॉल में 44 रन बनाये थे। भारत के 161 रन के स्कोर को भारत बचा पायी और आस्ट्रेलिया को 11 रन से हराया तो इसका श्रेय चहल की शानदार गेंदबाजी को जाता है। चहल ने 4 ओवर में 25 रन देकर 3 विकेट हासिल किया, उनकी शानदार गेंदबाजी टीम के जीत का प्रमुख कारण बनी।
भारत की गेंदबाजी के दौरान चहल को मैदान पर उतारा गया। हालांकि आस्ट्रेलिया के कप्तान एरोन फिंज ने चहल को मैदान पर उतारे जाने का विरोध नहीं किया और कहा कि आप डॉक्टर की सलाह को चुनौती नहीं दे सकते, लेकिन आस्ट्रेलिया के कई अन्य खिलाड़ी इसके विरोध में नजर आये और मैच के बाद हेनरिक्स ने अपना पक्ष रखा और कहा कि चहल गेंदबाज हैं जबकि जडेजा आलराउंडर। खिलाड़ी जडेजा की तरह ही होना चाहिए था।
आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप ह्यूज ( Phillip Hughes) की मौत ग्राउंड पर सिर में गेंद लगने की वजह से हुई थी। जिसके बाद सुरक्षा को लेकर काफी चर्चा हुई। वेल्स क्रिकेट में भी इसकी शुरुआत वर्ष 2018 के बाद हुई थी। लेकिन ICC ने 2019 में इसे अनुमति दी और सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों में यह लागू हो गया। खिलाड़ी जिसे चोट लगी हो और ‘कॉन्कशन सब्सटिच्यूट’ को एक जैसा होना चाहिए और इसके लिए मैच रेफ्ररी की अनुमति भी जरूरी होती है।