महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को नतीजे की घोषणा होने के बाद महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में येवला विधानसभा सीट पर चर्चा शुरु हो गई है क्योंकि ये एक महत्वपूर्ण सीट है…जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल से जुड़ी है। बता दें कि वह 2004 से इस सीट पर एनसीपी की ओर से जीत दर्ज करते आए हैं। अगर 2019 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने अपनी जीत दर्ज की तो वह इस सीट पर चार दफा लगातार जीतने वाले नेता बनेंगे।
यह विधानसभा सीट नासिक जिले और डिंडोरी लोकसभा क्षेत्र में आती है. 2011 के आंकड़ों के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या 271,146 है. येवला हथकरघा उद्यमों के लिए जाना जाता है. यहां एक हजार से अधिक हैंडलूम सेंटर हैं. येवला में सिल्क की साड़ियां, गांधी टोपियां और पीतांबर का निर्माण होता है. नासिक से 73 किलोमीटर दूर येवला विधानसभा क्षेत्र स्थित है.
येवला सीट का चुनावी इतिहास
2014 के विधानसभा चुनाव में येवला विधानसभा सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) उम्मीदवार छगन भुजबल चुनाव जीते थे. 2009 और 2004 में भी वह इस विधानसभा सीट से जीते थे. 2014 में छगन भुजबल को कुल एक लाख 12 हजार 787 वोट मिले थे. वहीं दूसरे स्थान पर शिवसेना उम्मीदवार संभाजी साहेबराव पवार को 66345 वोट मिले थे. इस प्रकार छगन भुजबल 46442 वोटों से जीते थे. बीजेपी उम्मीदवार शिवाजी माधवराव मनकर 9339 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे. वहीं बसपा उम्मीदवार करभरी को सिर्फ 1101 वोट मिले थे.
2009 में छगन भुजबल को 106416 वोट पाकर जीते थे. वहीं दूसरे स्थान पर रहे शिवसेना उम्मीदवार मानिकराव पाटिल को 56236 वोट मिले थे. सीट के इतिहास की बात करें तो 2004 से लेकर 2014 तक यह सीट छगन भुजबल के कब्जे में है. वहीं 1995 और 1999 में शिवसेना के कल्याणराव जयवंतराव पाटिल जीते थे. 1990 में कांग्रेस उम्मीदवार मारुतिराव नारायण पवार जीते थे.