Jammu-Kashmir

Yasin Malik: सजा पर फैसले के बीच श्रीनगर में यासीन के घर के पास पत्थरबाजी

Yasin Malik: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण (Jammu-Kashmir Terror Funding) के मामले में दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Separatist Leader Yasin Malik) की सजा पर एनआईए की कोर्ट (NIA Court) में सुनवाई चल रही थी और उधर श्रीनगर में यासीन मलिक (Yasin Malik) के घर से कुछ ही दूरी पर कुछ लोगों ने इकट्ठा होकर सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। हालांकि जवानों ने पत्थरबाजों की इस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागे जिसके बाद ये पत्थरबाज वहां से भाग खड़े हुए। आपको बता दें कि दिल्ली में एनआइए की कोर्ट (NIA Court) में अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक पर सजा के लिए सुनवाई चल रही थी. आपको बता दें कि यासीन मलिक पर एनआइए कोर्ट (NIA Court) का फैसला आने से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बुधवार को बंद रहे. अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि एनआइए कोर्ट (NIA Court) में यासीन मलिक (Yasin Malik) को दोषी साबित हो गए हैं और उन्होंने अपने सारे दोष स्वीकार भी कर लिए हैं। अब यासीन मलिक (Yasin Malik) पर आने वाले फैसले को लेकर श्रीनगर के लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि पुराने शहर के कुछ इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

UAPA के तहत यासीन मलिक दोषी करार
दिल्ली की अदालत (Delhi Court) ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (Banned Organization JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था। उसने एनआईए के अधिकारियों (NIA Officers) को मलिक पर जुर्माना लगाए जाने के लिए उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिए थे। यासीन मलिक (Yasin Malik) की सजा से पहले ही जम्मू-कश्मीर में यासीन मलिक के घर के आस-पास भी सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध कर दिए गए हैं।

मलिक ने स्वीकार किए सारे आरोप
मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता। इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं। अदालत ने मलिक सजा पर फैसला सुनाने के लिए मामले की सुनवाई 25 मई को निर्धारित की थी।

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