which countries hijab is compulsory

दुनिया के किन मुल्‍कों ने हिजाब पर लगाई रोक, किसने लगाया नकाब पहनने पर जुर्माना? जानिए

कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद (Hijab Controversy) पर अब एक नई बहस शुरू हो गई है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है कि जब तक यह मामला सुलझ नहीं जाता तब तक धार्मिक पोशाकों पर रोक रहेगी, फिर वह हिजाब हो या भगवा कपड़ा। ह‍िजाब (Hijab) पर इतनी राजनीति क्‍यों हो रही है? दुनिया में हिजाब को लेकर क्‍या प्रावधान है? मुस्लिम देशों में हिजाब को लेकर क्‍या रवैया है? दुनिया के किन मुल्‍कों ने हिजाब (hijab is banned) पहनने पर प्रतिबंध लगा रखा है?


हिजाब को लेकर दुनिया में दो दृष्टिकोण

हिजाब को लेकर दुनिया में दो दृष्टिकोण प्रचलित है। किसी की नजर में यह संवैधानिक अधिकार है तो किसी का मानना है कि शिक्षण संस्‍थानों में धार्मिक प्रतीकों को पहनना सही नहीं है। कुछ मुल्‍क ऐसे हैं जहां वर्षों पहले सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढकने या नकाबों पर रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं कुछ मुल्‍कों में इसके लिए कठोर प्रावधान अपना रखा है। नकाब पहनने पर बाकयदा मोटे जुर्माने का भी प्रावधान है। आखिर किन देशों में नकाब पहनने में सजा का प्रावधान है।


1- फ्रांस में कठोर प्रतिबंध: पश्चिमी देशों में फ्रांस पहला देश है, ज‍िसने अपने देश में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाया। फ्रांस के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति निकोला सारकोजी ने इस नियम को लागू किया। इसके चलते फ्रांस और उसके बाहर उन्‍हें जबरदस्‍त विरोध का सामना करना पड़ा था। फ्रांस इस्‍लामी नकाबों पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला यूरोपीय देश बना था। इसके तहत कोई भी महिला घर के बाहर पूरा चेहरा ढककर नहीं जा सकती। नियम के उल्‍लंघन पर जुर्माने का भी प्रावधान है। फ्रांस सरकार का मानना है कि पर्दा महिलाओं के साथ किसी अत्‍याचार से कम नहीं है। इस नियम का उल्‍लंघन करने पर 150 यूरो का जुर्माना तय किया गया है। अगर कोई किसी महिला को चेहरा ढकने पर मजबूर करता है तो उस पर 30 हजार यूरो के जुर्माने का प्रावधान है।


2- बेल्जियम में हिजाब पर प्रतिबंध: बेल्जियम भी एक ऐसा मुल्‍क है, जिसने अपने मुल्‍क में नकाब पहनने पर रोक लगा दी है। बेल्जियम ने पूरा चेहरा ढकने पर जुलाई 2011 में ही प्रतिबंध लगा दिया था। नए कानून के तहत सार्वजनिक स्थलों पर ऐसे किसी भी पहनावे पर रोक थी जो पहनने वाले की पहचान जाहिर न होने दे। हालांकि, बेल्जियम में भी इस कानून के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, लेकिन अदालत ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया था इससे मानवाधिकार का अतिक्रमण नहीं हो रहा है।


3- नीदरलैंड्स की संसद में बना कानून: नीदरलैंड्स में स्‍कूल एवं अस्‍पतालों में इस्‍लामिक नकाब पहनने पर रोक है। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन में सफर के दौरान पूरा चेहरा ढकने वाले इस्‍लामिक नकाबों पर रोक का समर्थन किया। जून, 2018 में नीदरलैंड्स की संसद ने चेहरा ढकने को एक बिल पास किया इसके बाद यह एक कानून में तब्‍दील हो गया।

4- जर्मनी और इटली में आंशिक रूप से लागू: इटली के कुछ शहरों में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध है। खासकर नोवार और लोंबार्डी शहर में यह नियम लागू है। हालांकि, परे इटली में यह नियम लागू नहीं है। जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल भी नकाब प्रतिबंधों को लागू करवाने के पक्ष में हैं। उनकी मान्‍यता है कि नकाबों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। हालांकि, जर्मनी में अभी ऐसा कोई कानून नहीं है। जर्मनी में जजों, सैनिकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए आंशिक प्रतिबंध को मंजूरी दी है।


5- आस्ट्रिया, नार्वे और स्‍पेन में आंशिक प्रतिबंध: आस्ट्रिया, नार्वे और स्‍पेन में भी आंशिक रूप से चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगाया गया है। अक्टूबर, 2017 में आस्ट्रिया में स्कूलों और अदालतों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। नार्वे में वर्ष 2018 में पारित एक कानून के तहत शिक्षण संस्थानों में चेहरा ढकने वाले कपड़े पहनने पर रोक है। स्पेन में साल 2010 में इसके बार्सिलोना शहर में नगर निगम कार्यालय, बाजार और पुस्तकालय जैसे कुछ सार्वजनिक जगहों पर पूरा चेहरा ढकने वाले इस्लामिक नकाबों पर प्रतिबंध की घोषणा की गई थी।

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