दुनियाभर में एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक दिसंबर को World AIDS Day मनाया जाता है। WHO ने सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरुआत अगस्त 1987 में की थी। Healthline की खबर के अनुसार एड्स की जागरूकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम से ही इसकी शुरुआत की गई थी।
शुरुआती दौर World AIDS Day को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था जबकि HIV संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद साल 1996 में HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर काफी काम करना शुरू किया था।
वर्ल्ड एड्स डे का उद्देश्य
World AIDS Day मनाने का उद्देश्य HIV संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है। एड्स आज के आधुनिक समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। UNICEF की रिपोर्ट की मानें तो अब तक 36.9 मिलियन से ज्यादा लोग HIV के शिकार हो चुके हैं जबकि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में HIV के रोगियों की संख्या लगभग 2.7 मिलियन के आसपास है।
क्या है एचआईवी एड्स
HIV एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानि HIV के नाम से जाना जाता है। वहीं लोग इसे आम बोलचाल में एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। इसमें जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता।
World AIDS Day 2020 की थीम
Hiv.org की वेबसाइट के अनुसार, World AIDS Day के लिए इस वर्ष की थीम ‘एंडिंग द एचआईवी / एड्स महामारी: लचीलापन और प्रभाव है।’ वर्ष 2008 के बाद, प्रत्येक वर्ष की थीम को विश्व एड्स अभियान (डब्ल्यूएसी) की ग्लोबल स्टीयरिंग कमेटी द्वारा चुना जाता है।