जानिए मरीजों को ट्रैक करने में कैसे मदद करेगा Aarogya Setu रिस्टबैंड

आरोग्य सेतु ऐप की सफलता के बाद अब केंद्र सरकार कोरोना मरीजों पर नजर रखने के लिए अपने ऐप के साथ जुड़कर काम करने वाले हजारों रिस्टबैंड्स लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार बेंगलुरु और गुड़गांव स्थित स्टार्टअप्स के साथ काम कर रही है।

इस रिस्टबैंड्स से मरीजों की डोर टू डोर जाकर स्क्रीनिंग करने वाले वर्कर्स को भी सही देखरेख करने में मदद मिलेगी। ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया एम्स और अन्य सरकारी अस्पतालों में इसकी शुरुआत जल्द ही करेगी। जिसके बाद राज्य सरकारों के लिए भी इसका डिजाइन तैयार किया जाएगा।

इस रिस्टबैंड से हेल्थ प्रोफेशनल्स को दूर से लोगों का टेंपरेचर और संक्रमण का लक्षण जानने में सहायता मिलेगी। अधिकारियों का मानना है कि इस बैंड से काफी हेल्प होगी और सरकार के होम क्वांटीन के लक्ष्य को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि इसके बाद लोगों को ज्यादा से ज्याद संख्या में घर पर ही आइसोलेट रहने के लिए कहा जा सकता है। फिलहाल BECIL डिजाइनों की समीक्षा कर रही है।

इससे जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि Coronavirus एक व्यक्ति से कई व्यक्तियों में फैल सकता है, इसलिए आने वाले समय में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ सकती है और संख्या बढ़ेगी तो लोगों पर नजर नजर रखने का दायरा भी बढ़ेगा। इस रिस्ट बैंड की मदद से ये आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि क्वारंटीन में रह रहा व्यक्ति पर निगरानी करना आसान होगा। अगर कोई इस रिस्टबैंड को हटाता है तो इसके बारे में अस्पताल को जानकारी दी जाएगी।

अधिकारी के अनुसार Corona संक्रमित मरीजों को ट्रैक करने में राज्य सरकारों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में ये रिस्टबैंड उनकी काफी मदद करेगा। ये बैंड Corona जोखिम वाले इलाके में आते ही वॉर्निंग भी देगा। इस बैंड की कीमत करीब 2 हजार रुपये तक हो सकती है। हालांकि अगर इसकी मांग में कमी पाई गई तो इसकी कीमत घट भी सकती है।

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