पूरी दुनिया में Corona संक्रमितों की संख्या 2.28 करोड़ तक जा पहुंची है। वहीं भारत में ये 30 लाख पहुंचने वाली है। बीते कुछ दिनों से हर रोज 60 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में हर किसी को इसकी वैक्सीन का बड़ी ही बेसर्बी से इंतजार है। वहीं एक बड़ा सवाल आने वाले समय से भी जुड़ा है, क्योंकि उत्तर भारत में आने वाले दिनों में सर्दी की शुरुआत हो जाएगी। जब भारत में Covid-19 के मामले आने शुरू हुए थे उस वक्त उत्तर भारत में सर्दी का समय था। इसके बाद अब गर्मियों का मौसम खत्म होने वाला है। ऐसे में आने वाले समय में Covid-19 का असर कैसा रहेगा, ये एक ऐसा सवाल है जो देश के लाखों लोगों के मन में है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि Covid-19 की शुरुआत में कहा जा रहा था कि तापमान बढ़ने के साथ इसका प्रकोप खत्म हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जानें एक्सपर्ट की जुबानी
इस बारे में एम्स के सेंटर फॉर कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार राय का मानना है कि ये सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि वहां पर ये वायरस किस स्टेज में है। आपको बता दें कि डॉक्टर राय की ही निगरानी में भारत में Covid-19 के लिए बनने वाली Vaccine का ट्रायल जुलाई से चल रहा है। उन्होंने भारत में इसकी दूसरी लहर आने की संभावना को भी नकार दिया है। हालांकि, उन्होंने ये जरूर माना है कि दुनिया के कुछ दूसरे देशों में इसकी दूसरी लहर आती दिखाई दे रही है, लेकिन भारत में इसकी संभावना न के ही बराबर हैं।
हर्ड इम्यूनिटी की तरफ बढ़ रहे
उनका कहना है कि सिरो सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार कहा जा सकता है कि हम हर्ड इम्यूनिटी की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली, मुंबई और पूणे में 30 से 50 फीसद लोग इस वायरस की चपेट से बचे हुए हैं। इसका अर्थ ये है कि इनमें हर्ड इम्यूनिटी बन चुकी है। ये लोग अपने साथ दूसरों को भी प्रोटेक्ट कर रहे हैं। इसका एक अर्थ ये भी है कि इन लोगों से फिलहाल दूसरों के इंफेक्टेंड होने की संभावना नहीं है। वर्तमान रिपोर्ट के आधार पर मुंबई और दिल्ली में Covid-19 के मामले अपने अधिकतम स्तर को छू चुके हैं, जबकि दक्षिण भारत के राज्यों में ये आने वाले माह में अधिकतम स्तर पर पहुंच जाएगा। कुछ राज्यों की रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है इसलिए उनके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। उत्तर पूर्वी राज्यों में ये कुछ लंबा जाएगा क्योंकि वहां पर इसकी शुरुआत देर से हुई है।
क्या बरतनी होंगी सर्दी में एहतियात
सर्दियों में इस वायरस को लेकर बरती जाने वाली एहतियात बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि ये वही रहेंगी जो हम पहले बरतते आ रहे थे। उनका कहना है कि इस वायरस के फैलाव या मोड ऑफ ट्रांसमिशन का आधार एक ही है, लिहाजा मौसम में बदलाव से इसमें कोई फर्क नहीं आएगा। सर्दियों में भी मुंह पर मास्क लगाकर रखना जरूरी होगा, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करना होगा। उनके मुताबिक इसके फैलाव का सबसे बड़ा कारण खांसते या छींकते वक्त बाहर गिरने वाली ड्रॉपलेट्स ही हैं। इसके बाद कंटेमिनेटेड सर्फेस है और तीसरी संभावना हवा से फैलने की है जो बेहद कम है।
क्या ट्रेवल करता है वायरस
ये पूछे जाने पर कि क्या ये वायरस खुद से भी कुछ दूरी ट्रेवल करता है, उनका कहना था कि इसके अब तक कोई प्रमाण सामने नहीं आए हैं। यदि ये वायरस आपके कपड़ों पर है और आप वहां पर अपना हाथ लगाते हैं तो पहले आपका हाथ इससे संक्रमित होगा फिर जहां-जहां आप इस हाथ को बिना धोए लगाते जाएंगे वो संक्रमित होते चले जाएंगे। आंख या मुंह को छूने से ये शरीर में जाकर नुकसान पहुंचा सकता है। हवा के माध्यम से इसके जाने की संभावना लगभग न के ही बराबर है।
रूस की बनाई वैक्सीन पर राय
रूस की बनाई Vaccine स्पूतनिक पर पूछे गए सवाल के जवाब में उनका कहना था कि रूस ने इस वैक्सीन के ट्रायल की रिपोर्ट अब तक दुनिया के सामने नहीं रखी है। ऐसे में इस वैक्सीन के बारे में कुछ भी कहना सही नहीं होगा। किसी भी दवा को लाखों मरीजों को देने से पहले पूरी प्रक्रिया से गुजरना बेहद जरूरी होता है। लेकिन चूंकि रूस ने इस तरह के किसी भी ट्रायल को सार्वजनिक नहीं किया है जिसके आधार पर इस Vaccine के बारे में कुछ कहा जाए। लिहाजा इसको इमरजेंसी में किसी मरीज को देकर अपना नुकसान नहीं किया जा सकता है। उनके अनुसार ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी में बन रही Vaccine के फर्स्ट ट्रायल की रिपोर्ट को वैज्ञानिकों ने दुनिया के वैज्ञानिकों के सामने रखा है। लेकिन ये भी अभी तक फर्स्ट ट्रायल के दौर में ही है। उनके अनुसार हर ट्रायल की रिपोर्ट और Vaccine के परिणामों की कमेटी बारीकी से जांच की करती है। इसके बाद ही कोई Vaccine पूरी तरह से सुरक्षित कही जाती है।