कुछ ही मिनटों में भारतीयों के डूब गए 9 लाख करोड़ रुपये

रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग की वजह से शेयर बाजार (Stock Market) में तेज गिरावट जारी है. घरेलू शेयर बाजार का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) 3 फीसदी से ज्यादा टूट गया है. इस गिरावट में निवेशकों के 9 लाख करोड़ रुपये डूब गए है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्लोबल शेयर बाजारों में घबराहट है. इसीलिए भारतीय बाजारों पर दबाव है. मौजूदा समय में नए निवेश से फिलहाल बचना चाहिए. आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russia President Vladimir Putin) ने गुरुवार को यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा की. एक टेलीविजन संबोधन में, पुतिन ने कहा कि इस खूनखराबे की जिम्मेदारी यूक्रेन की है. पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रयास के परिणाम उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे.

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन पर “अकारण” और “अनुचित” हमले के कारण दुनिया रूस को मौत और विनाश के लिए जिम्मेदार ठहराएगी. अमेरिका और उसके सहयोगी “एकजुट और निर्णायक” तरीके से जवाब देंगे.

क्यों मचा है ग्लोबल बाजारों में हाहाकार
एस्कॉर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने बताया कि युद्ध की वजह से निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई है. इसीलिए ग्लोबल बाजारों में बिकवाली हुई है.

इन्हीं संकेतों का असर घरेलू बाजार पर भी दिख रहा है. अगले कुछ और दिन बाजारों पर दबाव रह सकता है. ऐसे में निवेशकों को फिलहाल वेट एंड वॉच स्ट्रैटेजी पर काम करना चाहिए. अगर शेयर खरीदना चाहते है तो बिना कर्ज वाली कंपनियों के शेयरों पर दांव लगा सकते है.

क्या होगा भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर
आसिफ बताते हैं कि विदेशी बाजारों में क्रूड के भाव 8 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है. ब्रेंट क्रूड 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है. यह वार आगे खिंचा तो तेल की सप्लाई पर असर होगा और क्रूड शॉर्ट टर्म में 105 डॉलर प्रति बैरल का छू सकता है. क्योंकि सप्लाई को लेकर चिंताएं बरकार है. आगे यह दिक्कत और बढ़ सकती है.

क्रूड महंगा होने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा असर होता है. भारत क्रूड का इंपोर्ट करता हैं, उनका इंपोर्ट बिल बढ़ेगा, जिससे बैलेंसशीट बिगड़ेगी.

इन देशों का चालू खाता और राजकोषीय घाटा बढ़ेगा. इन देशों की करंसी कमजोर होंगी. इससे इन देश में महंगाई बढ़ने का खतरा भी बढ़ेगा.

भारत सबसे बड़े क्रूड खरीदारों में हैं. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था पर असर हो सकता है. अगर क्रूड का भाव 100 डॉलर के पार बना रहता है तो पेट्रोल और डीजल भी महंगे होने के आसार हैं. इससे महंगाई बढ़ेगी.

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1