Diwali pooja Muhurt

क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली, जानिए आपके शहर में क्या है दीवाली का शुभ मुहूर्त

हर साल कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी को यानी Diwali के एक दिन पहले ‘नरक चतुर्दशी’ का त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 14 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा।

‘नरक चतुर्दशी’ को ही छोटी Diwali के नाम से जाना जाता है। इसे छोटी Diwali इसलिए कहा जाता है क्योंकि Diwali से एक दिन पहले, रात के वक्त उसी प्रकार दीए की रोशनी से रात के तिमिर को प्रकाश पुंज से दूर भगा दिया जाता है जैसे Diwali की रात को। इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं और लोकमान्यताएं हैं।

प्रचलित मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया। प्रचलित कथा के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी नरकासुर का वध किया था। इसलिए इस चतुर्दशी का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा।

नरकासुर का वध किसी स्त्री के हाथों ही हो सकता था इसलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बना लिया और उनकी सहायता से नरकासुर का वध किया।

नरकासुर ने 16 हजार कन्याओं को बंदी बना रखा था। नरकासुर का वध करके श्री कृष्ण ने कन्याओं को बंधन मुक्त करवाया। इन कन्याओं ने श्री कृष्ण से कहा कि समाज उन्हें स्वीकार नहीं करेगा इसलिए वह कोई ऐसा उपाय करें जिससे उन्हें फिर से समाज में सम्मान प्राप्त हो।

समाज में इन कन्याओं को सम्मान दिलाने के लिए सत्यभामा के सहयोग से श्री कृष्ण ने इन सभी कन्याओं से विवाह कर लिया। नरकासुर का वध और 16 हजार कन्याओं के बंधन मुक्त होने के उपलक्ष्य में नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान की परंपरा शुरू हुई।

एक अन्य कथा के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और संध्या के समय दीप दान करने से नर्क के यतनाओं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। इस वजह से भी नरक चतु्र्दशी के दिन दीपदान और पूजा का विधान है।

जानिए क्यों मनाई जाती है दिवाली

देशभर में Diwali का त्योहार इसबार 14 नवंबर को मनाया जाएगा। जगह-जगह लोग उत्साहित नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं, दिवाली को लेकर शॉपिंग भी शुरू हो गई है। जहां कपड़ों की दुकानों पर भीड़ नज़र आने लगी है, तो वहीं सजावट की दुकानों पर भी अलग-अलग तरीके के डेकोरेटिव लाइट्स मिलने लगे हैं। ऐसे में इसबार की Diwali भी धूम मचाने वाली होगी।

भगवान राम लंका पर विजय पाकर माता सीता को लेकर इस दिन वापस आयोध्या आए थे। इसी शुभ अवसर पर हर साल Diwali मनाई जाती है। Diwali धनतेरस के दिन से शुरू होती है। धनतेरस के अगले दिन छोटी Diwali मनाई जाती है। अगले दिन अमावस्या तिथि को मां लक्ष्मी की पूजा होती है। लेकिन इस बार दोनों Diwali यानि छोटी Diwali और लक्ष्मी पूजन एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस बार ग्रह नक्षत्रों की चाल के कारण कई सालों के बाद Diwali पर ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

इस बार मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा 14 नवंबर (शनिवार को होगी)। पूजा का शुभ मुहूर्त 17:28 से 19:24 तक रहेगा। पूजा करने की शुभ समय अवधि 1 घण्टा 56 मिनट की होगी। जानकारी के लिए बता दें कि प्रदोष काल 17:28 से 20:07 तक रहेगा। वहीं, वृषभ काल 17:28 से 19:24 तक रहेगा। इस साल अमावस्या 14 नवंबर को 14:17 बजे से शुरू होगी और 15 नवंबर को 10:36 बजे तक रहेगी।

जानिए आपके शहर में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

इसबार नई दिल्ली में लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त शाम 5:28 बजे से शाम 7:24 तक, गुडगाँव में शाम 5:29 बजे से शाम 7:25 बजे तक, नोएडा में शाम 05:28 बजे से शाम 07:23 बजे तक, जयपुर में शाम 5:37 बजे से शाम 07:33 बजे तक, चंडीगढ़ में शाम 5:26 बजे से शाम 7:21 बजे तक, अहमदाबाद में शाम 5:57 बजे से शाम 7:55 बजे तक, कोलकाता में शाम 4:54 बजे से शाम 6:52 बजे तक, चेन्नई में शाम 5:41 बजे से शाम 7:42 बजे तक, मुंबई में शाम 6:01 बजे से रात 8:01 बजे तक, बेंगलुरु में शाम 5:52 बजे से शाम 7:54 बजे तक और पुणे में शाम 5:58 बजे से शाम 7:42 बजे तक रहेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1