राज्यसभा के ये सदस्य हैं- डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), संजय सिंह (आप), राजू सातव (कांग्रेस), केके रागेश (सीपीएम), रिपुन बोरा(कांग्रेस), डोला सेन (टीएमसी), सैय्यद नासिर हुसैन(कांग्रेस) और इलामारन करीम (सीपीएम)।
एम वेंकैया नायडू के फ़ैसले के मुताबिक़ राज्यसभा सांसदों के निलंबन का ये फ़ैसला हफ़्ते भर के लिए लागू रहेगा।
सभापति ने कहा, “डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैय्यद नासिर हुसैन और इलामारन करीम को चेयर के प्रति ख़राब बर्ताव करने पर हफ़्ते भर के लिए निलंबित किया गया है।”
इसके अलावा वेंकैया नायडू ने उपसभापति हरिवंश के ख़िलाफ़ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर दिया।
राज्यसभा में सांसदों के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही दुर्लभ मौके पर ही की जाती है। मानसून सत्र में कृषि बिल को लेकर राज्यसभा में रविवार को विपक्षी सांसदों ने भारी हंगामा किया था। इस दौरान रूल बिल की कापी फाड़ी गई और राज्य सभा की वेल में जाकर विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके साथ ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को भी सभापति ने खारिज कर दिया है। राज्यसभा के सदस्यों के निलंबन के लिए नियम 256 के तहत प्रस्ताव लाकर कार्रवाई की गई।
इससे पहले 5 मार्च, 2020 को सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने और खराब व्यवहार के लिए कांग्रेस के लोक सभा के सात सांसदों को सत्र के अंत तक के लिए निलंबित किया गया था। इनमें गौरव गोगोई, टी एन प्रथपन, डीन कुरीकोस, मनिक टैगोर, राजमोहन उन्नीथन, बेनी बेहानन और गुरजीत सिंह औजला शामिल थे।