अपनी लोकप्रियता के दम पर वर्ष 2014 में NDA को पूर्ण बहुमत दिलाने वाले PM नरेन्द्र मोदी आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं। आम जनता के साथ संवाद कायम करने और जुड़ने का उनका अंदाज सबसे जुदा है। राजकीय व्यस्तता के बावजूद वह किसी न किसी माध्यम से आम जनता से जुड़े रहते हैं। चाहे वह हर महीने मन की बात हो, परीक्षा पर चर्चा हो या फिर सोशल मीडिया। मोदी हर जगह और हर बार अपनी संवेदशनशीलता और सरलता से सामने वाले को अपना मुरीद बना लेते हैं। ऐसा ही एक वाकया शनिवार को जनऔषधि दिवस के मौके पर देखने को मिला। प्रधानमंत्री ने शनिवार को देश भर के तमाम जनऔषधि केन्द्र संचालकों व लाभार्थियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया।
बातचीत के इसी क्रम में देहरादून की एक पैरालाइज्ड महिला लाभार्थी ने PM मोदी सहित पूरे देश की आंखें नम कर दी। लड़खड़ाती जुबान में महिला ने बताया, मुझे साल 2011 में पैरालिसिस हो गया था। मैं बोल भी नहीं पाती थी। अस्पाताल में मेरा इलाज चल रहा था। जिसकी दवाइयां काफी महंगी थीं। हर महीने 5 हजार की दवाएं आती थीं।

डाक्टरों ने मेरे ठीक होने की उम्मीद छोड़ दी थी। इलाज कराना काफी मुश्किल हो गया था। लेकिन जन औषधि केन्द्र शुरू होने के बाद मेरी समस्या काफी आसान हो गयी। हर महीने 5 हजार की दवाएं अब 1500 में ही मिलने लगीं। दवाएं सस्ती होने से मै फल आदि खाने-पीने का सामान खरीद पाने लगी। जिससे कुछ समय बाद मेरी हालत में सुधार होने लगा।

”महिला ने रुंधे गले से प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा, मैंने ईश्वर को तो नहीं देखा, लेकिन आप को जरूर देखा है…आप मेरे लिए ईश्वर से कम नहीं हैं…मैं आपको धन्यवाद देना चाहती हूं। महिला के इस भावपूर्ण वक्तव्य को सुनकर PM मोदी भी भावुक हो गए। साथ कार्यक्रम को सुन रहे लाखों लोगों की भी आंखें नम हो गईं। महिला ने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी मेरी बहुत मदद की है। मेरे अपने सभी लोगों ने मेरी काफी सहायता की है। डाक्टरों ने मेरे बारे में कहा कि अब मैं ठीक नहीं हो पाऊंगी। लेकिन अब मैं ठीक हो रही हूं, अब मैं थोड़ा बोलने लगी हूं।”
महिला को शांत करते हुए PM मोदी ने कहा, आपने अपनी हिम्मत से बीमारियों को परास्त किया है। आपका हौसला ही आपका भगवान है। जिसके दम पर आप इतने बड़े संकट से बाहर निकली हैं। अब आप सही ढंग से बोल रहीं हैं। PM मोदी ने ऐसे ही तमाम लाभार्थियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी बातें सुनीं। कई लोगों ने सुझाव भी दिए तो कई लोगों अपनी समस्याएं बताईं।