क्या है कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग?

Corona महामारी ने दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले रखा है. इस प्रकोप से बचने के लिए Lockdown जारी किया गया है ताकि लोगों को घरों में बंद रखा जा सके और वह सुरक्षित रह सकें। वहीं लोगों से कहा जा रहा है कि अनिवार्य रूप से मास्क पहनें, हाथों को बार बार हैंडवॉश या सैनिटाइजर से अच्छी तरह से साफ करें और हाथों से अपने नाक, मुंह और आंखों न छुएं। अभी तक Coronavirus का इलाज संभव नहीं हो पाया है और न ही वैक्सिनेशन की खोज की जा सकी है। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखना ही सबसे बड़ा टास्क है।

वहीं Corona पर काबू पाने के लिए कई तरह के परीक्षण किए जा रहे हैं। एक तरफ डॉक्टर्स प्लाजमा थेरेपी की मदद से इसे ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ आरोग्य सेतू एप के जरिए इस पर काबू पाया जा रहा है। इसी कड़ी में अब Corona संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों की निगरानी रखने के लिए Contact Tracing का इस्तेमाल किया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं क्या है Contact Tracing और Corona महामारी को रोकने में कैसे ये आपकी मदद कर सकता है।

किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले लोगों की निगरानी प्रक्रिया को Contact Tracing कहा जाता है। Coronavirus से संक्रमित किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आने से ये संक्रमण दूसरों को आसानी से हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आने वाले लोगों के संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है। इसलिए जो लोग संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए हों उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में रखा जाना चाहिए। Corona संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए लोगों पर ध्यान रखना जरूरी है ताकि उनकी देखभाल की जा सके और जरूरत पड़ने पर जल्दी से इलाज भी किया जा सके।

Contact Tracing के तीन चरण
सम्पर्क की पहचान, सम्पर्क सूची और सम्पर्क में आए व्यक्ति का फॉलोअप

सम्पर्क की पहचान
जब किसी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो जाती है तो बीमारी की शुरुआत के बाद से उसकी गतिविधियों के बारे में पूछकर उसके सम्पर्क में आए लोगों के बारे में जाना जाता है।

सम्पर्क सूची

  • संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले सभी लोगों को सम्पर्क में आए व्यक्ति के रूप में सूचीबद्ध किया जाना चाहिए
  • सूचीबद्ध किए गए लोगों की पहचान करके उन तक पहुंचकर इस महामारी के बारे में बताया जाना चाहिए
  • उन्हें खास देखभाल रखने की सलाह देनी चाहिए और लक्षण दिखने पर शुरुआती देखभाल और इलाज का महत्व बताना चाहिए
  • सम्पर्क में आए लोगों को बीमारी की रोकथाम के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए
  • सम्पर्क में आए व्यक्ति का फॉलोअप
  • सम्पर्क में आए सभी व्यक्तियों का नियमित रूप से फॉलोअप करना चाहिए
  • उनके लक्षणों पर निगरानी रखी जानी चाहिए
  • उनसे स्वास्थ्य अधिकारी लगातार टच में रहें

ध्यान रहे सम्पर्क अनुरेखण यानी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग Coronavirus को रोकने के लिए बहुत जरूरी है।

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