उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद यूपी पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि हिंसा के पीछे साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता। इसमें कई बाहरी लोगों के शामिल होने की जानकारी हुई है। इसमें बाराबंकी, बहराइच के साथ ही पश्चिम बंगाल से भी लोग आए। डीजीपी ने कहा कि अब तक लखनऊ में करीब 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं संभल में 30 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं। कार्रवाई लगातार जारी है।
डीजीपी ने कहा कि आज जुमे की नमाज सकुशल निपटाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि संभल में सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल से जानकारियां जुटाई जा रही हैं। साथ ही पश्चिम बंगाल कनेक्शन की भी जांच हो रही है।
शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ के हिंसाग्रस्त ठाकुरगंज इलाके में फ्लैगमार्च किया। इस दौरान पुलिस टीम के साथ एटीएस कमांडो और रैपिड एक्शन फोर्स व पीएसी के जवान शामिल हुए। डीजीपी ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रित है। प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में पुलिस फ़ोर्स की तैनाती की गई है।
लखनऊ हिंसा प्रदर्शन में पुलिस ने 61 लोगों के गिरफ्तार किया है। वहीं 112 लोग हिरासत में लिए गए है। बता दें कि हिंसा के दौरान 15 पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हुए है। जबकि 60 से अधिक पुलिस वाले घायल हुए है।वहीं हिंसा के दौरान 2 चौकियों में आगजनी हुई, जबकि 30 से अधिक गाड़ियां फूंकी गई है।