राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने चेताया कि अगर यूक्रेन में नाटो ने लक्ष्मण रेखा (रेड लाइंस) पार की तो रूस को मजबूरन जवाब देना पड़ेगा। उधर, अमेरिका व ब्रिटेन ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य आक्रमकता के लिए चेतावनी दी है।
मास्को में इन्वेस्टमेंट फोरम को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा, ‘उम्मीद है कि सभी पक्ष सामान्य समझ का परिचय देंगे। लेकिन, हम उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को चेता देना चाहते हैं कि यूक्रेन से जुड़े सुरक्षा मसलों पर हमारी अपनी चिंताएं हैं।’ उन्होंने चेताया, ‘यूक्रेन की सीमा में अगर घातक हथियार तैनात किए गए तो मास्को 7 से 10 मिनट के भीतर हाइपरसोनिक हथियारों को छोड़ देगा। इसके बाद की स्थितियों की कल्पना की जा सकती है।’
रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि उनके देश ने हाल ही में समुद्र आधारित हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण में सफलता हासिल की है, जो अगले साल से सेवा में होगी। उन्होंने कहा, ‘रूस यह महसूस करता है कि सीमा के पास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किए जा रहे हैं। इनमें से कई तो अनियोजित हैं। हाल ही में काला सागर के ऊपर सीमा से करीब 20 किलोमीटर दूर बम वर्षकों ने उड़ान भरी.. ये घातक हथियार थे.. नाभिकीय हथियार भी हो सकते हैं।’ विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने नाटो पर रूसी सीमा के करीब सैन्य हथियारों की तैनाती बढ़ाने के आरोप लगाए।
उधर, यूक्रेन की सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाने के मुद्दे पर वाशिंगटन में नाटो की बैठक के दौरान रूस को कोई नया आक्रामक कदम नहीं उठाने अथवा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई। बैठक से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ‘रूस की तरफ से उकसावे की कोई भी कार्रवाई अमेरिका के लिए चिंताजनक होगी.. किसी भी नए आक्रामक कदम के गंभीर परिणाम होंगे।’ ब्रिटेन व जर्मनी भी अमेरिकी चेतावनी के साथ दिखे। नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि रूस का इरादा साफ नहीं है।