यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को सीएनएन से कहा कि “दुनिया के सभी देशों” को इस संभावना के लिए तैयार रहना चाहिए कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध में कम शक्तिशाली परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं. जेलेंस्की ने कीव में राष्ट्रपति कार्यालय से एक विशेष साक्षात्कार में सीएनएन के जेक टैपर को बताया कि पुतिन परमाणु या रासायनिक हथियारों की ओर रुख कर सकते हैं क्योंकि वह यूक्रेन के लोगों के जीवन को महत्व नहीं देते.
जेलेंस्की ने अंग्रेजी में बोलते हुए कहा, “केवल मुझे ही नहीं… पूरी दुनिया को, सभी देशों को चिंतित होना होगा क्योंकि हो सकता है कि यह वास्तविक जानकारी नहीं हो, लेकिन यह सच हो सकती है.” जेलेंस्की ने कहा, “उन्हें रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करना चाहिए, वे यह कर सकते हैं, उनके लिए लोगों के जीवन की कोई कद्र नहीं. और इसलिए हमें डरना नहीं, बल्कि सोचना चाहिए, डरने की बजाए लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए. लेकिन मुझे लगता है कि यह सवाल सिर्फ यूक्रेन के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है.”
रूस-यूक्रेन युद्ध के 50 दिन पूरे
रूस के साथ पिछले 50 दिनों से चल रहे युद्ध के दौरान जेलेंस्की यूक्रेन में ही अपना डेरा जमाए हुए हैं. यूक्रेन की सेना ने कीव पर कब्जा करने के क्रेमलिन की कोशिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया है और रूस को देश के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों पर अपना ध्यान फिर से केंद्रित करने के लिए मजबूर किया है, जहां यूक्रेन को आशंका है कि आने वाले दिनों में लड़ाई में इजाफा हो सकता है. रूस के सबसे महत्वपूर्ण नौसैनिक युद्धपोतों में से एक मोस्कवा इस हफ्ते काला सागर में डूब गया, जिसे यूक्रेन ने अपने मिसाइल हमले का नतीजा बताया, जबकि रूस ने दावा किया कि उसमें रखे गोला-बारूद में विस्फोट से आग लगने के कारण यह हुआ.
रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर सीआईए की नजर
वहीं, रूस कीव के बाहरी इलाके में क्रूज मिसाइलें दाग रहा है और अभी भी यूक्रेन की राजधानी को लंबी दूरी के हथियारों से निशाना बनाने की क्षमता रखता है. अमेरिकी अधिकारियों ने इस संभावना के बारे में चेतावनी दी है कि अगर पुतिन को कठिन हालात में डाला जाता है, तो वे यूक्रेन में कम घातक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की ओर रुख कर सकते हैं. सीआईए के निदेशक बिल बर्न्स ने गुरुवार को कहा कि वह इस संभावना पर “बहुत गौर से” नजर रखे हुए है. हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका ने अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं देखा है, जिससे यह जाहिर हो कि रूस ऐसा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है.
जॉर्जिया टेक विश्वविद्यालय में उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति पुतिन व रूसी नेतृत्व की संभावित हताशा और उन्हें अब तक सैन्य रूप से जिन असफलताओं का सामना करना पड़ा है, उसे देखते हुए हम में से कोई भी उनके द्वारा कम शक्तिशाली परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल से उत्पन्न खतरे को हल्के में नहीं ले सकता है.”