अफगान शांति प्रक्रिया के लिए नियुक्त अमेरिकी दूत जलमय खलीलजाद (Khalilzad) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी ब्लिंकन ने दी है। बता दें कि अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान के कब्जे को दो माह से अधिक का समय बीत चुका है। इसके बाद देश में कई बड़े बदलाव हुए और अब तालिबान की अंतरिम सरकार देश पर शासन कर रही है। इस बीच आज यह अहम खबर सामने आई है।
अमेरिका के विशेष दूत के तौर पर खलीलजाद (Khalilzad) अफगान नेताओं से शांति वार्ता पर चर्चा करने के लिए नियुक्त किए गए थे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नियुक्त किए गए खलीलजाद (Khalilzad ) ने ही साल 2020 में दोहा में तालिबान के साथ हुई शांति वार्ता को अमेरिका की तरफ से अगुवाई की थी। खलीलजाद (Khalilzad) वर्ष 2007 से 2009 तक संयुक्त राष्ट्र (UN) में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त थे। वो साल 2005 से 2007 तक इराक में अमेरिकी राजदूत के तौर पर रहे और साल 2003-2005 तक अफगानिस्तान (Afghanistan) के राजदूत थे।
खलीलजाद की भूमिका पर अटकलें
कुछ अन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि खलीलजाद (Khalilzad) ने अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष राजनीतिक एजेंडा अपनाया। वहीं अटलांटिक काउंसिल के अनिवासी वरिष्ठ फेलो कमल आलम ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में फैली अराजकता और विनाश के लिए जिम्मेदार जलमय खलीलजाद (Khalilzad) को ही बताया। उन्होंने यहां तक कहा कि कथित वित्तीय भ्रष्टाचार के लिए उनकी जांच होनी चाहिए।
2014 में आस्ट्रिया ने खलीलजाद (Khalilzad) से संबंधित वित्तीय जांच कराई थी और अमेरिकी न्याय विभाग की जानकारी के आधार पर यूरोपीय देश में उनकी पत्नी के खातों को सील कर दिया था, क्योंकि उन्हें इराक और संयुक्त अरब अमीरात में व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित मनी लांड्रिंग का संदेह था।