लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद से असम में तनाव की स्थिति पैदा हो गयी है। नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद आज यानी मंगलवार को ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एनईएसओ)ने 12 घंटे का बंद बुलाया है। इस बंद बुलाए जाने की वजह से सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।राज्य के लोगों का कहना है कि बाहर से आए नागरिकता लेने वाले लोगों से उनकी पहचान और आजीविका को भारी नुकसान होगा।
जिसके बाद आसू और बाकी संगठन विधेयक का जमकर विरोध कर रहे हैं। स्टूडेंट यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रविवार शाम को शिवसागर की सड़कों पर नग्न होकर प्रदर्शन किया। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं नलबारी नगर में असम गण परिषद के तीन मंत्रियों के खिलाफ पर जमकर प्रदर्शन और विभिन्न स्थानों पर पोस्टर चिपकाए गए हैं।
असम के अलावा त्रिपुरा में भी इस बिल की वजह से जमकर हंगामा किया जा रहा। अगरतला में लोग इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ नारेबाजी कर रहे हैं।
इस बंद की वजह से त्रिपुरा में सड़क और रेल यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुए और हजारों यात्री बीच रास्ते में फंसे रहे, क्योंकि बंद समर्थक कार्यकर्ताओं ने त्रिपुरा और देश के बाकी हिस्सों के बीच चलने वाले वाहनों और ट्रेनों को आगे जाने से रोक दिया। पुलिस ने कहा कि टीटीएएडीसी क्षेत्रों में कहीं से कोई बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। हालांकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) सहित भारी संख्या में बलों की तैनात की किया गया है।
छात्र संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद से एक दिन पहले भी सोमवार को पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ था। एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्षेत्र में छात्र संगठनों के शीर्ष संगठन नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) की विधेयक पर आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया था। पूर्वोत्तर में आठ राज्यों की अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन, बांग्लादेश, म्यांमार और भूटान से लगती है। शाह के इस दावे के बावजूद कि यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है, बल्कि घुसपैठ के खिलाफ है, प्रदर्शन हुए।