UP Zila Panchayat Chairman Chunav 2021

यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी की 21 सीट पक्की,जानें 53 सीटों पर कब है मतदान

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी का जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में दबदबा बना है। नामांकन के दिन 26 जून को ही BJP के 17 प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था तो मंगलवार को नाम वापसी के दिन 4 जिलों में विपक्षी दल के नेताओं ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। 22 जिलों के पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए। इनमें 21 BJP और एक (इटावा) SP का है। शेष 53 जिलों के लिए 3 जुलाई को मतदान और मतगणना होगी।

राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 के अंतर्गत 22 जिलों के पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने बताया कि सहारनपुर, बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत और शाहजहांपुर के परिणाम आ गए हैं। बाकी के 53 जिलों में 3 जुलाई को सुबह 11 बजे से 3 बजे कर मतदान होगा। 3 बजे के बाद मतगणना होगी, जो परिणाम आने तक जारी रहेगी।


BJP के पास अब पीलीभीत, शाहजहांपुर, बहराइच के साथ सहारनपुर की सीट भी आ गई है। अब BJP के 21 तथा समाजवादी पार्टी के एक निर्विरोध अध्यक्ष हो गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मंगलवार को नाम वापसी हो गई। इससे साफ हो गया कि 22 सीटें निर्वाचित हो गई। इससे पहले भी प्रदेश की 18 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन पहले ही हो था। अब 37 ऐसी हैं जिनमें जिनमें केवल दो-दो उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में हैं। बची हुई सीटों पर मतदान 3 जुलाई को होगा। उसी दिन शाम को मतगणना भी होगी।


जिला पंचायत अध्यक्ष सहारनपुर के चुनाव में मंगलवार को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाले BSP समर्थित जॉनी कुमार जयवीर ने जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पहुंच कर अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। उनके नामांकन वापसी लेने के साथ ही जिला पंचायत में BJP के मांगेराम काबिज होंगे। रिटर्निंग ऑफिसर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विनोद कुमार ने बताया कि जॉनी उर्फ जयवीर सुबह 11:00 बजे जिला निर्वाचन अधिकारी की कोर्ट में आए और उन्होंने लिखकर दे दिया है कि कि वह अपना नामांकन वापस ले रहे हैं। जॉनी उर्फ जयवीर के नामांकन वापस ले लेने से जिला पंचायत में 20 वर्ष बाद गैर बसापाई दल का कब्जा हो गया है।

पीलीभीत में भी बड़ा उलटफेर हो गया है। समाजवादी पार्टी ने यहां पर BJP से आने वाले सदस्य स्वामी प्रवक्ता नंद को अपना प्रत्याशी बनाया था। स्वामी प्रवक्ता नंद ने मंगलवार को अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बाद अब BJP की प्रत्याशी डॉ दलजीत कौर निर्विरोध अध्यक्ष हो गई है। यहां पर पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा ने स्वामी प्रवक्ता नंद को समाजवादी पार्टी में शामिल कराया था। SP में शामिल होते ही स्वामी प्रवक्ता नंद को SP ने प्रत्याशी बनाया था। अब हेमराज वर्मा पर सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस छोड़कर BJP में आने वाले जितिन प्रसाद ने शाहजहांपुर में अपना प्रभाव दिखा दिया है। शाहजहांपुर में मंगलवार को समाजवादी पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रत्याशी वीनू सिंह ने सुबह BJP की सदस्यता ले ली। इसके बाद वह नामांकन वापस लेने पहुंची। उनके नामांकन वापस लेने के बाद से अब BJP प्रत्याशी संगीता यादव का निर्विरोध तय हो गया। बरेली मंडल में अब सिर्फ बरेली और बदायूं में BJP व SP के प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला होगा।

बहराइच जिला पंचायत चुनाव में नया मोड़ आ गया है। कल तक मजबूती से चुनाव लड़ने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार नेहा अजीज ने आज नाम वापस ले लिया, जिससे BJP उम्मीदवार मंजू सिंह का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया।
मंगलवार को नाम वापसी होनी थी। जिला पंचायत चुनाव की कमान संभाल रहे सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मंजू सिंह के पक्ष में 2 तिहाई से अधिक सदस्यों का समर्थन जुटाकर जीत सुनिश्चित कर दी। आंतरिक गुटबाजी से पार्टी में कमजोर पड़ रहे समर्थन के चलते हार को निश्चित देख SP नेहा अजीज ने पर्चा वापस ले लिया। इससे BJP उम्मीदवार की जीत का रास्ता साफ हो गया। यहां पर BJP व SP प्रत्याशियों ने ही नामांकन कराया थाा

आजमगढ़ में BJP से जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी संजय निषाद की गाड़ी पर पथराव के बाद फायरिंग भी की गई है। इस हमले में बाल-बाल बचे संजय निषाद ने यहां के तहबरपुर थाने में केस दर्ज कराया है। उनके केस दर्ज कराने के बाद से पुलिस छानबीन में जुटी है। इससे पहले 26 जून को नामांकन के दौरान ही 17 BJP प्रत्याशी तथा एक समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया था। इन सभी का उस दिन निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था।

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