पलटी मारने से होती है कायापलट… और क्या हैं U TURN पॉलिटिक्स के फायदे

राजनीति में पलटना कोई नई बात नहीं है. इसकी एक लंबी परंपरा है. और परंपरा हमारी विरासत है. इसे मेंटेन रखने के कई फायदे हैं. विरासत संरक्षित रहती है तो इससे चुस्ती-तंदरुस्ती भी बनी रहती है. अनुलोम-विलोम का अभ्यास होता है. चेहरे पर नई चमक आती है. जीवन में नया उल्लास आता है. तन-मन टनाटन रहता है. रिटायर्मेंट प्लान की गारंटी मिलती है. पढ़िये एक व्यंग्य….

वास्तव में टर्न दो प्रकार के होते हैं. एक होता है- रिटर्न, दूसरा होता है- यू टर्न. दोनों की अपनी-अपनी उपलब्धियां और विरासत हैं. रिटर्न को हिंदी में वापसी कहते हैं तो यू टर्न को पलटना. पहले बात पलटने की. शब्दों पर मत जाइये, पलटना का संबंध पलटन से भी नहीं है. हालांकि दोनों शब्दों में साहस एक स्थायी भाव है. पलटन पक्की हिम्मत वाले होते हैं उन्हें दिल से सलाम है लेकिन पलटना भी कम साहसी काम नहीं होता. बिरले ही पलटते हैं. जो नहीं पलटा, उसके उलट जाने का खतरा ज्यादा होत और जो उलट गया उसके सीधा होने की उम्मीद कम होती है. इसलिए पलटने में ज्यादा जोखिम नहीं है. इसमें आप दोबारा पूर्ववत हो सकते हैं.

जितना हो सके उतना पलटते रहिये. बार-बार यू टर्न लेते रहिये जब तक कि वो में ना बदल जायें. O होने का मतलब है साइज जीरो. आलू भी साइज का होता है जो हरेक में फिट हो जाता है. वास्तव में जो लचीला होता है वही पलटता है. इसलिए पलटना एक कला है. यह कला संतुलन सिखाती है. आप जब चाहें तब पलट सकते हैं. यह एक योग भी है. इसकी तुकबंदी संयोग और प्रयोग से कर सकते हैं.

पलट से कायापलट तक…

कहावत सुनी है न आपने…! जब जैसी बयार पीठ तब तैसी कीजिये. पलटने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे पीठ और सीना दोनों मजबूत रहते हैं. आप जब चाहें अपनी पीठ दिखा सकते हैं, जब चाहें सीना अड़ा सकते हैं. जब सीना काम न आये तो पीठ दिखाइये और जब पीठ में दर्द हो तो सीना अड़ाइये. इसलिए पलटना एक किस्म का दर्द निवारक आसन है. पलट में काया जोड़ दें तो ये कायापलट हो जाता है. तो है न कमाल की कला!

वास्तव में मन की शांति और शारीरिक फुर्ती के अवाला यह एक प्रकार का तमगा और तारीफ भी है. इससे सामाजिक रुतवा बढ़ता है. आप ब्रेकिंग न्यूज़ बनते हैं. आपकी प्रतिष्ठा बढ़ती है. सुर्खियां मिलती हैं. ये सुर्खियां गालों पर लाली लाती है. कुर्सी के कुशन और खिड़कियों के पर्दे भले ही पुराने ही रहें लेकिन जीवन में एक नवसंचार आता है. यह पुनर्विवाह का मानसिक सुख प्रदान करता है. नवोन्माद जबरदस्त होता है.

दिल ढूंढ़ता है फिर रिटर्न…

अब बात रिटर्न की करते हैं मतलब वापसी की. कुछ लोग बड़े गर्व से अपने-अपने नाम के साथ रिटर्न भी लिखते हैं. मसलन लंदन रिटर्न मिस्टर आयाराम, यूएस रिटर्न मिस्टर गयाराम. कहते हैं- रिटर्न हमेशा बेहतरी के लिए होता है. जहां के लिए चले थे, अगर वहां कुछ नहीं मिला तो अच्छा है चल खुसरो घर आपने… आ अब लौट चलें. इस प्रकार कुछ लोग रिटर्न मारकर अपने-अपने गिरेबां में पहुंच जाते हैं.

अपनी मांद सबको प्यारी होती है. यहां एक किस्म की ताकत मिलती है. यह नॉस्टेल्जिया भी कहलाता है. दिल ढूंढ़ता है फिर वही… पुराने दिनों की याद भला किसे नहीं सताती. इसलिए अगर पुराने साथियों, पुरानी गलियों में लौटना सुहाना लगता है. जब तक दिल ना टूटे… तब तक कोई यूं ही नहीं कहता… छोड़ आयें हम वो गलियां…

इसलिए दिल है कि मानता नहीं… दिल जो भी कहेगा मानेंगे… दुनिया में हमारा भी दिल ही तो है… ना जाने कितने गीत याद आते हैं- दिल तो बच्चा है जी… बार बार घुटने के बल गिरता है जी…

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