पूरी दुनिया को कोराना का दर्द देने वाले चीन को उसके कुकर्मों की सजा जरूर मिलेगी और अमेरिका के साथ फ्रांस और जर्मनी ने इसकी खातिर रणनीति बना ली है। जासूसी वाले गुब्बारे को लेकर घिरे चीन ने अमेरिका को घेरने के लिए दावा किया है कि ज्यादा ऊंचाई वाले अमेरिकी गुब्बारे उसके झिंजियांग और तिब्बत क्षेत्रों में उड़ रहे थे। इससे पहले 28 जनवरी को अमेरिकी सेना ने दक्षिण कैरोलिना के तट पर एक चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था।
माना जा रहा है कि पूरे वाकये को लेकर जब अमेरिका और उसके मित्र देशों ने दवाब बढ़ाया तो चीन ने कह दिया कि 2022 से लेकर अभी तक 10 अमेरिकी गुब्बारे चीन में घुस चके हैं। अमेरिका ने फोरन इसका खंडन किया। अमेरिका ने एक भी टोही गुब्बारा चीन में नहीं भेजा। अब ऑस्ट्रेलिया ने चीन में बने सभी CCTV कैमरे को अपने सरकारी दफ्तरों से हटाने का फैसला किया। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के इस कदम को चीन के प्रोडक्ट्स को बदनाम करने की साजिश बताया और ऑस्ट्रेलिया को परिणाम भुगतने की धमकी दे दी।
पहले गुब्बारे की पहचान के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने अपनी चीन यात्रा रद्द कर दी थी। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत टाल दी गई यानी दुनिया में तनाव एक नए लेवल पर है और सबके निशाने पर है खतरनाक ड्रैगन।
चीन दुनिया के दूसरे देशों में गुब्बारा भेज रहा है तो अब चीन को सबसे ज्यादा दर्द जिस मुद्दे पर होता है। उस मुद्दे को अमेरिका ने फिर छू लिया है और वो मुद्दा है ताइवान का। एक ऐसा इलाका जिसे चीन अपनी बपौती समझता है। जबकि पूरा ताइवान कहता है चीन- गो बैक। अब अमेरिका ने ताइवान का फिर साथ दिया है और वहां पहुंच चुका है पेंटागन का बहुत सीनियर अधिकारी।