कश्मीर में मस्जिदों और जियारत (श्राइन) पर हमले के जरिए हिंसा फैलाने और माहौल खराब करने की साजिश का पता चला। सेना के सूत्रों के अनुसार 10 सितंबर को मुहर्रम के अवसर पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और उनके पनाहगारों की बड़ी हिंसा फैलाने की योजना है। कश्मीर में मस्जिदों और जियारत (श्राइन) पर हमले के जरिए हिंसा फैलाने और माहौल खराब करने की साजिश रची गई है। इससे शिया और सुन्नी समुदाय के बीच आपसी झड़प और हिंसा भड़काने की कोशिश किए जाने की आशंका है।
सेना के सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर के सौरा में हिंसा फैलाने की योजना तैयार करने के लिए गुप्त बैठक की गई। यहां हिंसा फैलाने के लिए रूपरेखा तैयार की गई। सुरक्षा बलों ने हालात से निपटने के लिए नए सिरे से तैयारी कर ली है। कश्मीर में सेना और अर्द्ध सैनिक बलों की हालत को देखते हुए अतिरिक्त तैनाती की गई है। यह तैनाती फरवरी महीने के कश्मीर में ज़रूरत के मुताबिक हुई है।
श्रीनगर के मेयर ने कहा- कश्मीर की सड़कों पर लाशें नहीं दिख रहीं तो इसका यह मतलब नहीं है कि सब सामान्य है। सूत्रों ने बताया कि सेना सहित अर्द्ध सैनिक बल मुस्तैद हैं। पाक की नापाक कोशिश को नाकाम करने के लिए भारतीय सेनाएं सभी गतिविधियों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं। अगर पाकिस्तान कोई हिमाकत करता है तो उसका माकूल जवाब दिया जाएगा।